श्रीनगर: यूपी के समय से ही श्रीनगर कमलेश्वर, धारी देवी, देवलगढ़ राजराजेश्वरी मंदिर, खिर्सू, कंडोलिया और क्यूंकालेश्वर मंदिर को जोड़कर खिर्सू-पौड़ी पर्यटन सर्किल बनाने की क्षेत्रवासियों की प्रमुख मांग रही है, लेकिन इस पर किसी भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया. 38 साल बाद अब इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस प्रस्ताव पर कार्रवाई करते हुए ₹5 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कराई है. जिससे क्षेत्र के लोगों में खुशी देखी जा रही है.
बता दें कि यहां पर्यटन सर्किल बनने से जहां भगवान कमलेश्वर, धारी देवी, राजराजेश्वरी, क्यूंकालेश्वर मंदिरों का सौंदर्यीकरण होगा. इसके साथ ही खिर्सू-कंडोलिया में सुविधाएं विकसित होगी. यदि यह पर्यटन सर्किल बीते 38 सालों में बन गया होता तो, क्षेत्र का विकास तो होता ही. साथ ही इस पर्यटन सर्किल के अंदर जुड़ने वाले मठ-मंदिरों एवं पर्यटन क्षेत्र का नाम पूरी दुनिया में होता. यहां के लोगों को तीर्थाटन एवं पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलते.
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अब जाकर 38 साल बाद खिर्सू-पौड़ी सर्किल बनने से क्षेत्र का विकास होगा ही. साथ ही यहां चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्री भी इन मंदिरों में दर्शनों के लिए रुक सकेंगे. क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत के प्रयासों से सर्किल बनाने का शासनादेश जारी होने पर देवलगढ़ क्षेत्र सामाजिक सांस्कृतिक विकास समिति ने खुशी जताते हुए उनका आभार प्रकट किया है.
राजराजेश्वरी मंदिर के पुजारी कुंजिका प्रसाद उनियाल कहते है कि खिर्सू-पौड़ी को पर्यटन सर्किल बनाने की मांग उत्तराखंड सरकार से ही नहीं, बल्कि यूपी सरकार से भी की गई थी. तत्कालीन यूपी के सीएम वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव और कल्याण सिंह तक को डाक पत्र भेजकर पर्यटन सर्किल बनाने की मांग की गई थी. यहां तक कि पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह गांव वासी के माध्यम से पत्र भेजे गए.
उनियाल ने कहा 38 सालों से यह पर्यटन सर्किल बनाने की मांग की जा रही थी, जो अब कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की पहल पर पूरी होने जा रही है. पर्यटन सर्किल बनाने का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र को पर्यटन एवं तीर्थाटन के क्षेत्र में आगे बढ़ाकर स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाना है.