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'अंकिता हत्याकांड में सरकार की शह पर सबूतों को मिटाने का हुआ प्रयास'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना (Congress leader Suryakant Dhasmana) अंकिता हत्याकांड में सरकार की शह पर सबूतों को मिटाने का आरोप लगाया है. यह बात उन्होंने पौड़ी जिला मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कही.

Congress leader Suryakant Dhasmana
Congress leader Suryakant Dhasmana

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Published : Nov 10, 2022, 4:46 PM IST

पौड़ी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना (Congress leader Suryakant Dhasmana) ने जिला मुख्यालय पौड़ी में मीडिया से बातचीत करते सरकार पर आरोप लगाए कि अंकिता हत्याकांड (Ankita murder Case) में सरकार की शह पर सबूतों को मिटाने का प्रयास किया गया. उन्होंने रिजॉर्ट पर बुल्डोजर चलाए जाने और फिर सील फैक्ट्री में आग लगने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार की अधीन कार्य करने वाली जांच एजेंसियों को आज तक यह पता नहीं चल पाया कि वह कौन वीआईपी था, जिसको स्पेशल सर्विस देने के लिए अंकिता पर दवाब बनाया जा रहा था. वहीं, उन्होंने दिल्ली के चर्चित छावला हत्याकांड में केंद्र सरकार को पुनर्विचार याचिका दायर करने की सलाह दी.

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा को लेकर कतई गंभीर नहीं है. प्रदेश आज 22 साल का हो गया, लेकिन प्रदेश में बेरोजगारी एवं पलायन से लेकर अन्य समस्याएं जस की तस है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2002 से लेकर 2007 तक जितना रोजगार मिला, वह आज तक की सरकारें नहीं दे पा रही है. उन्होंने कहा कि पहले तो भर्तियों पर रोक ही लगी हुई है लेकिन जो भर्तियां हुई भी हैं, वह भी घपलों व घोटालों की भेंट चढ़ गई. सरकार की शह में अब भर्ती घपलों के आरोपियों को जमानत मिलनी भी शुरू हो गई.

सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर लगाये गंभीर आरोप.

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वहीं, धस्माना ने कहा कि हाकम सिंह का हाकिम कौन है? इसका भी पता नहीं चल पाया. इस मौके पर पौड़ी का जिक्र करते हुए धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले तथा प्रदेश को चार -चार मुख्यमंत्री देने वाले पौड़ी की भी सरकार सुध नहीं ले रही है. पौड़ी में सर्वाधिक पलायन हुआ है तो मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी पौड़ी जिला तरस रहा है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर यहां के अस्पताल पीपीपी मोड में चल रहा है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.

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