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कोटद्वार: निर्वाचन अधिकारी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, आयोग ने दिए जांच के आदेश

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Published : Dec 8, 2019, 2:54 PM IST

Updated : Dec 8, 2019, 3:39 PM IST

नगर निगम ने एक सूची निर्वाचन अधिकारी को सौंपी थी. जिसमें मेयर पद के दोनों प्रत्याशी नगर क्षेत्र में अतिक्रमणकारी थे, लेकिन तत्कालीन एडीएम रामजी शरण शर्मा ने कांग्रेस और भाजपा के दोनों प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान कर दी.

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निर्वाचन अधिकारी पर भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

कोटद्वार: राज्य निर्वाचन आयोग द्नारा मुजीब नैथानी की शिकायत पर 2018 निकाय चुनाव में कोटद्वार में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. जिसमें राम जी शरण शर्मा के खिलाफ निर्वाचन की पवित्रता भंग किए जाने और चुनाव की प्रक्रिया दूषित किए जाने का आरोप लगाया गया. इस बाबत राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारी को जांचकर तथ्यों को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने के आदेश जारी किया है.

निर्वाचन अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप.

वहीं, शिकायतकर्ता मुजीब नैथानी का कहना है कि नगर निगम चुनाव के दौरान तत्कालीन एडीएम रामजी शरण शर्मा यहां पर निर्वाचन अधिकारी थे, उस दौरान नगर निगम ने एक सूची निर्वाचन अधिकारी को सौंपी थी. जिसमें मेयर पद के दोनों प्रत्याशी नगर क्षेत्र में अतिक्रमणकारी थे, लेकिन तत्कालीन एडीएम रामजी शरण शर्मा ने कांग्रेस और भाजपा के दोनों प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान की.

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नैथानी ने बताया कि शिकायत-पत्र में निर्वाचन अधिकारी को दोनों मेयर प्रत्याशियों की अतिक्रमण की सूची साक्ष्यों के साथ पेश किया गया था. बावजूद उसके निर्वाचन अधिकारी ने दोनों मेयर पद के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए योग्य घोषित किया और बताया कि इन दोनों का नगर क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं है. जब कोटद्वार में नगर निगम में कांग्रेस मेयर प्रत्याशी की जीत हुई तो, फिर मेरे द्वारा दोबारा से इसकी शिकायत राज्य चुनाव आयोग से की गई.

Last Updated : Dec 8, 2019, 3:39 PM IST

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