पौड़ी: उत्तराखंड में जैसे-जैसे सूरज की तपिश बढ़ती जा रही है, वैसे ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी सामने आ रही है. पौड़ी जिले की बात कर तो यहां इस साल वनाग्नि में लाखों रुपए की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है. इसके अलावा पर्यावरण पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इस साल पौड़ी में जंगलों में आग लगने की 187 घटनाएं सामने आ चुकी है.
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वन विभाग हर साल जंगलों को आग से बचाने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं बनाता है. इतना ही नहीं स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरुकता कार्यक्रम भी चलाए जाते है. बावजूद इसके जंगलों में आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आती रहती है. जिसका दुष्प्रभाव मनुष्य के शरीर के साथ पर्यावरण भी पड़ता है. वन-अग्नि से शहरों के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है.
जनपद पौड़ी में आरक्षित वन क्षेत्र में अभी तक 98 घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं, सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 89 घटनाएं हो चुकी हैं. जिसमें से आरक्षित वन क्षेत्र में 177.35 और सिविल पंचायती वन क्षेत्र में 177.50 हेक्टेयर वन संपदा जलकर खाक हो गई है.