रामनगरः कोरोना काल में शिक्षा की मुख्यधारा से बाहर हो चुके 300 से अधिक बच्चों को सरकारी शिक्षा से जोड़ने (Campaign to connect children to education) के लिए रामनगर के पुछड़ी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं द्वारा विशेष अभियान चलाया गया. अभियान के माध्यम से 5 स्थानीय युवाओं द्वारा बच्चों को निशुल्क अध्यापन (free education) कार्य करवाया जा रहा है. अभियान के दौरान अभिभावकों को शिक्षा के महत्व को समझाने के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में मिलने वाली सभी सुविधाओं से अवगत कराया गया.
रामनगर के युवाओं की पहल, पढ़ाई छोड़ चुके 300 से ज्यादा बच्चों को शिक्षा से जोड़ा
रामनगर के स्थानीय युवाओं को द्वारा पुछड़ी क्षेत्र के बच्चों को स्कूल से वापस जोड़ने की पहल की जा रही है. इस पहल के तहत अभी तक क्षेत्र के 300 से ज्यादा बच्चों को शिक्षा मुख्यधारा से जोड़ा जा चुका है. ये सभी वह बच्चे हैं जो कोरोना और आपदा के कारण पढ़ाई छोड़ चुके हैं.
दरअसल, कोसी नदी के किनारे सैकड़ों की संख्या में मजदूर परिवार रहते हैं. कोरोना काल व पिछले साल अक्टूबर में आई बाढ़ के कारण इन परिवारों के सैकड़ों बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हो गए. रचनात्मक शिक्षा मंडल उत्तराखंड (Creative Education Board Uttarakhand) द्वारा इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नवंबर 2021 में इस क्षेत्र में दो सायंकालीन स्कूल खोले गए हैं. सावित्रीबाई फुले, ज्योतिबा फुले सायंकालीन स्कूलों से वर्तमान में क्षेत्र के 350 से अधिक बच्चे जुड़ चुके हैं. वहीं, स्कूल भी जन सहयोग से चल रहा है.
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उधर अभिभावकों ने जन जागरूकता अभियान चला रही टीम को आश्वस्त किया कि क्षेत्र के सभी बच्चों को अवश्य ही स्कूल भेजेंगे. पिछले दिनों इस क्षेत्र के आसपास चल रहे स्कूलों में बच्चों के एडमिशन में आ रही तकनीकी दिक्कतों को लेकर सायंकालीन स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं की पहल पर स्थानीय लोगों ने विधायक दीवान सिंह बिष्ट (MLA Diwan Singh Bisht) व खंड शिक्षा अधिकारी वंदना रौतेला (Block Education Officer Vandana Rautela) को भी ज्ञापन सौंपा था. जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा क्षेत्र के सभी स्कूलों को इन बच्चों के तत्काल एडमिशन का आदेश भी निर्गत कर दिया है. अभियान में नवेन्दु मठपाल, अंजलि रावत, सुमित कुमार आदि मौजूद हैं.