हल्द्वानी: उत्तरायणी और मकर संक्रांति के मौके पर हल्द्वानी के हल्दुचौड़ स्थित गायत्री शक्तिपीठ में करीब 300 बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवीत, जनेऊ और मुंडन संस्कार किया गया. हिंदू मान्यता अनुसार 13 संस्कारों में यज्ञोपवीत संस्कार सबसे महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है. इसी को देखते हुए गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने अपने बच्चों की अच्छे संस्कार की कामना की.
सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार में उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से भी भारी संख्या में लोग पहुंचे, जहां अपने बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया. गौरतलब है कि हर साल उत्तरायणी और बसंत पंचमी के मौके पर यज्ञोपवीत संस्कार करना शुभ माना जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में यज्ञोपवीत संस्कार के बाद मनुष्य का मस्तिष्क, शारीरिक और धार्मिक विकास होता है.