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प्रदेश में मनाया जा रहा विश्व वन्यजीव दिवस, लोगों को किया जा रहा जागरूक

वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उत्तराखंड अन्य राज्यों की तुलना में बेहद संवेदनशील है. दक्षिण भारत के राज्यों में जहां हाथियों और बाघों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है वहीं, उत्तराखंड के जंगलों में अनुकूल माहौल मिलने से हर साल हाथियों और बाघों की के कुनबों में बढ़ोत्तरी हो रही है.

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प्रदेश में मनाया जा रहा विश्व वन्यजीव दिवस

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Published : Mar 3, 2021, 9:12 AM IST

हल्द्वानी:विश्वभर में हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि दुनिया के वन्य जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण-संवर्द्धन को लेकर लोगों में जागरूक किया जा सके. वन विभाग के साथ-साथ आम आदमी भी वनों और वन्य जीवों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए आगे आ रहा है. इसी का नतीजा है कि जंगलों में वनों एवं वन्य जीवों के कुनबे में बढ़ोत्तरी हो रही है.

प्रदेश में मनाया जा रहा विश्व वन्यजीव दिवस

वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उत्तराखंड अन्य राज्यों की तुलना में काफी संवेदनशील है. एक ओर जहां दक्षिण भारत के राज्यों में हाथियों और बाघों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है, तो वहीं उत्तराखंड के जंगलों में बेहतर माहौल मिलने से हर साल हाथियों और बाघों के कुनबे में बढ़ोत्तरी हो रही है. प्रदेश का 65% भूभाग जंगलों से घिरा है. ऐसे में यहां के जंगल वन्यजीवों के लिए सबसे सुरक्षित माने जा रहे हैं. यहां के जंगलों में वन्यजीवों के लिए उनके वासस्थल के साथ-साथ उनके लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन भी उपलब्ध है. जिसका नतीजा है कि जंगलों में वन्यजीवों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

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साल 2017 में जहां हाथियों की संख्या 1,839 थी, जो कि साल 2020 में बढ़कर 2,026 हो गई. हाथियों की संख्या में बढ़ोत्तरी उनके संरक्षण को लेकर एक सुखद संकेत है. अगर आंकड़ों की बात की जाए तो पूरे भारत में हाथियों की संख्या करीब 26,000 है, जिनके लिए 88 हाथी कॉरिडोर बने हैं. लेकिन अकेले उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 12 हाथी कॉरिडोर शामिल हैं, जिनमें हाथी विचरण करते हैं. वहीं, बाघ संरक्षण के क्षेत्र में भी उत्तराखंड अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. साल 2017 में प्रदेश में जहां बाघों की संख्या 361 थी, जो 2020 में बढ़कर 442 से अधिक हो गई है. विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अलावा राजाजी टाइगर रिजर्व और 12 प्रभागों में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. ऐसे में जाहिर है कि प्रदेश के वन वन्य जीवों के लिए मुफीद हैं.

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मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के जंगल वन्य जीवों के वास करने के लिए बेहद सुरक्षित हैं. इसके अलावा विभाग की ओर से वनों और वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसको लेकर लोगों में जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. लोग भी वनों एवं वन्य जीवों के प्रति जागरूक हो रहे हैं, जिसका ताजा नतीजा है कि जंगलों में वनों और वन्य जीवों का कुनबा हर साल बढ़ रहा है.

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