रामनगर:प्रसिद्धगर्जिया मंदिर देश-विदेश में आस्था का धाम है. गर्जिया मंदिर के विकास को लेकर आज तक सरकार द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया गया है. गर्जिया मंदिर समिति के लोग कई बार शासन-प्रशासन को समस्या से अवगत करा चुके हैं. जिसके बाद प्रशासन मंदिर के विकास का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज चुका है, बावजूद इसके मंदिर के विकास के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
प्रसिद्ध गर्जिया मंदिर की सरकार नहीं ले रही सुध. बता दें कि, 2010 की बाढ़ में गर्जिया मंदिर की टीले पर दरार आ गई थी. वहीं, जब 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का रामनगर दौरा था तब गर्जिया मंदिर समिति के लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर यह बात रखी थी कि गर्जिया मंदिर के टीले में दरार आ गई है. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मंदिर की सुरक्षा की घोषणा की थी. जिसके बाद रुड़की से एक टीम ने आकर मंदिर के टीले की जांच की, जिसमें टीम द्वारा मंदिर के टीले में दरार आने की बात कहीं गई थी. सिंचाई विभाग द्वारा भी कई प्रस्ताव शासन को भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक मंदिर को टीले के लिए पैसा नहीं मिला है.
गर्जिया मंदिर के पुजारी मनोज पांडे ने कहा कि उनके द्वारा लगातार मंदिर के टीले की सुरक्षा को लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं. इस विषय में उनके द्वारा कई बार प्रशासन को इस बारे में अवगत करवा दिया गया है.
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वहीं, रामनगर पहुंचे सतपाल महाराज को ईटीवी भारत ने बताया कि पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की 2012 में घोषणा के बाद भी और जांच टीम द्वारा सर्वे करने के बावजूद आज तक मंदिर के टीले का कार्य नहीं हो पाया है. ऐसे में पर्यटन व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मेरे संज्ञान में गर्जिया मंदिर के टीले की बात नहीं थी, हम इसमें जांच करवा लेंगे. किस-किस तरीके से कार्य किया जा सकता है. गर्जिया मंदिर के किले में अगर कोई लोहे का रिंग, कोई चीज डाली जाए या सीमेंट का कोई कार्य किया जाय. उसको देखने का हम प्रयास करेंगे. जांच कराने के बाद ही उसमें निर्णय लिया जाएगा.