रामनगर:कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ती मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर कॉर्बेट प्रशासन ने कालागढ़ रेंज में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस दौरान मानव वन्यजीव संघर्ष में कैसे कमी लायी जा सकती है, इसको लेकर अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई. इस दौरान एक्सपर्ट्स ने वन अधिकारियों को मानव-वन्यजीव संघर्ष को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है, इसको लेकर अपने विचार साझा किए.
बता दें कि आधुनिक समय में तेजी से हो रहे शहरीकरण और औद्योगिकीकरण ने वन भूमि को गैर-वन उद्देश्यों वाली भूमि में परिवर्तित कर दिया है. जिसके परिणाम स्वरूप वन्यजीवों के आवास स्थल में कमी आ रही है. वन्यजीवों के कॉरिडोर खत्म होते जा रहे हैं, जिस कारण मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. पिछले एक वर्ष की बात करें तो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और इससे लगते रामनगर वन प्रभाग में 4 से ज्यादा लोग वन्यजीवों के हमले में जान गंवा चुके हैं. इसके साथ ही 3 से 4 लोग वन्यजीवों के हमलों में किसी तरफ अपनी जान बचा पाए हैं.
वहीं लगातार बढ़ती मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर कॉर्बेट प्रशासन ने कालागढ़ टाइगर रिजर्व में एक कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें कॉर्बेट अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ स्थानीय लोग भी शामिल हुए. इस दौरान बाहर से आये एक्सपर्ट ने मैन वर्सेज वाइल्ड एनिमल पर कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कंट्रोल करने के बारे में बताया गया. इस कार्यशाला में राज्य से आए विशेषज्ञों ने वन कर्मियों से अपने विचार साझा किये.
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