नैनीताल:पूरे देश से लगभग 30 से अधिक छात्र नैनीताल में काष्ठ कला और सांस्कृतिक धरोहरों को जीवंत रखने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. जिससे उत्तराखंड के पारंपरिक भवनों की बनावट और काष्ठ कला को बचाते हुए इसे देश-विदेश तक पहुंचाया जा सके.
नैनीताल में पांडुलिपि और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने वाले अनुपम शाह द्वारा देशभर भर के विश्वविद्यालयों से करीब 30 बच्चों का चयन किया गया था. जिसके बाद उनको नैनीताल में काष्ठ कला को संरक्षित करने और लकड़ी पर नई-नई आकृतियां बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे युवा काष्ठ कला के क्षेत्र में अपना करियर बना सकें.