हल्द्वानी: कहा जाता है भारत विविधताओं का देश हैं. जिसकी झलक यहां के पर्वों में देखने को मिलती है. कुमाऊं की होली दुनिया भर में प्रसिद्ध है ,जो अपनी सांस्कृतिक विशेषता के लिए पूरे देश में जानी जाती है. कुमाउंनी होली प्रदेश के साथ ही प्रवासी लोग हर जगह बड़े धूमधाम से मनाते हैं. जिसकी झलक महानगरों में भी देखने को मिल जाती है.
हल्द्वानी में आयोजित महिला होली में महिलाओं ने स्वांग के जरिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता भारत अभियान' और शराब को लेकर संदेश दिए. कई जगहों पर महिलाओं ने नेताओं का स्वांग कर समाज में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर भी चोट की. दूसरी तरफ होली के परंपरागत गीत जैसे होली खेले अवध में रघुवीरा, शिवजी ढूंढ रहे हैं पर्वत पर अपनी गौरा जी के संग, जल कैसे भरूं जमुना गहरी, 'मेरो रंगीलो देवर घर ऐ रो छौ' के अलावा बृज की होली मस्ती से महिलाएं झूमती नजर आईं.
संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए हल्द्वानी में जगह-जगह बैठकी होली का आयोजन किया जा रहा है. होली में अभी 20 दिनों से अधिक का समय बचा है, लेकिन कुमाऊं में होली अपने चरम पर है. हर तरफ होली की माहौल है. जगह-जगह महिलाओं की टोलियां खड़ी और बैठकी होली के साथ-साथ स्वांग के जरिए लोगों को संदेश भी दे रही हैं.
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होली की परंपरागत परिधान में अबीर, गुलाल लगाए महिलाओं का देखते ही बनता है. साथ ही नई पीढ़ी को उनकी उत्तराखंड की संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जाता है. होलियारों महिलाओं का कहना है कि होली रंगों का त्योहार है. इस त्योहार को हर किसी को मनाना चाहिए और हर राग द्वेष को भूलकर प्रेम से होली का आनंद लेना चाहिए.