स्वरोजगार से इस तरह जुड़ी महिलाएं. हल्द्वानीःजीवन में सफलता कर्म के अधीन होती है. इसका ज्वलंत उदाहरण हैं एकता स्वयं सहायता समूह जहां ग्रामीण परिवेश में रहने वाली घरेलू कामकाजी महिलाओं ने अपना घर संभालने के साथ आर्थिक रूप से स्वयं और अपने परिवार को सशक्त किया और आत्मनिर्भरता का एक नया उदाहरण पेश किया है.
एकता स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के आत्मनिर्भर होने की कहानी देश की राजधानी तक सुनाई दी है. दरअसल, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा साल 2021 में देशभर के 75 आत्मनिर्भर महिलाओं की कहानियां का संग्रह किया गया था, जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस कहानी संग्रह में उत्तराखंड के एकता समूह की अध्यक्ष पुष्पा पढालनी और कोषाध्यक्ष मीरा का नाम शामिल है. पुष्पा को दीनदयाल लखपति दीदी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. वहीं, कोविड काल में इनकी सेवाएं अभूतपूर्व व अविस्मरणीय रहीं, जिसके लिए इनके समूह और इससे जुड़ी सदस्यों को सम्मानित किया जा चुका है.
एकता स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पुष्पा पढालनी बताती हैं कि इस समूह में 8 संगठनों को जोड़ा गया है. शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा था, मगर अब महिलाएं जागरुक हो रही हैं. प्रशिक्षित महिलाएं अन्य महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए पूरा सहयोग करती हैं. हल्द्वानी से बाहर भी प्रशिक्षण देने के लिए जाते हैं.
पढ़ें-ये महिलाएं सिर्फ रोटियां ही नहीं, रेलगाड़ी भी बनाती हैं
बता दें कि, जनपद नैनीताल के विकासखंड हल्द्वानी में वर्ष 2012 से संचालित एकता स्वयं सहायता समूह द्वारा रूई की बत्तियां बनाने से शुरुआत की गई थी. यहां आज विभिन्न दाल, लौकी, पालक की बड़ियां आदि अन्य उत्पाद बनाने का कार्य किया जा रहा है. वहीं, चुकंदर व कई फूलों से हानिरहित होली के रंगों को बनाया गया है. इन प्रोडक्ट्स की बिक्री सरस मार्केट में हिलांस आउटलेट के माध्यम से की जा रही है.
मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल डॉ संदीप तिवारी राष्ट्रीय आजीविका मिशन को लेकर काफी गंभीर हैं. सीडीओ नैनीताल ने बताया कि एकता स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 7 परिवारों से 15 सदस्य स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं. इस समूह का कुल टर्नओवर ₹201500 और शुद्ध लाभ ₹103500 है. प्रति परिवार आय ₹14785 है.
सीडीओ का कहना है कि इस प्रकार के कार्य से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला रहा है. समूह गठन, प्रोत्साहन, प्रशिक्षण, बजट की व्यवस्था के साथ ही समूहों के उत्पादों की बिक्री का दायित्व भी विकास विभाग ने लिया है. वहीं स्वयं जागरूक बनी महिलाएं अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि सभी विकासखंडों में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा रहा है. महिला स्वरोजगार मिशन को धरातल में उतारने के लिए हल्द्वानी ब्लाक में इस समय 567 समूह पंजीकृत हैं. एक समूह में 10 महिलाएं हैं. वर्तमान में यह समूह खाद्य सामग्री तैयार करने के साथ जूट बैग निर्माण, मशरूम उत्पादन, एलईडी लाइट निर्माण के साथ ही कैंटीन संचालन भी कर रहे हैं. नैनीताल रोड सरस मार्केट में उत्पादन बिक्री के लिए बड़ा स्टोर होने के साथ ही आउटलेट उत्पादों को बाजार में उतारा जा रहा है.