नैनीताल:अधिवक्ता मनीष अरोड़ा को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह की कोर्ट ने पत्नी की हत्या का दोषी माना है. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी वकील पति को उम्र कैद की सजा सुनाई. साथ ही 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
बता दें, 19 मई 2016 को वकील मनीष अरोड़ा ने अपनी पत्नी पद्मिनी की गला दबाकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद मनीष के कुछ साथी शव को नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल ले गये. जब डॉक्टर शव मोर्चरी ले जा रहे थे तभी मनीष अरोड़ा शव को डॉक्टरों से छीनकर रुड़की ले गया.
अंतिम संस्कार के दौरान मृतका के परिजन पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे. परिजनों और पुलिस ने जब मनीष अरोड़ा से पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी तो मनीष ने बिना डॉक्टरों के हस्ताक्षर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पेश की. जिसके बाद परिजनों ने दोबारा पोस्टमार्टम करवाने की मांग की. जिसके बाद पुलिस ने रुड़की के सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया. जिसमें मनीष अरोड़ा की पत्नी की गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई.
पद्मिनी की हत्या के बाद परिजनों ने मनीष अरोड़ा के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने मामले में जांच पूरी कर आरोपी वकील के खिलाफ चार्ट शीट दायर की थी.
मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल जिला सत्र न्यायालय द्वारा अधिवक्ता मनीष अरोड़ा को आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही आरोपी को 30 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. मामले में सरकारी अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि अधिवक्ता मनीष अरोड़ा पहले से ही शादीशुदा था और उसका तलाक हुआ था. जिसके बाद उसने पद्मिनी से दूसरा विवाह किया था. उसकी पहली शादी से एक बेटी भी है, लिहाजा मनीष को उसका भरण पोषण का खर्चा भी उठाना चाहिए.
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पद्मिनी ने मौत से पहले नैनीताल की मल्लीताल कोतवाली में अपने पति के खिलाफ तहरीर देकर कहा था कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता है. पति के दोस्त शराब पीकर अश्लील हरकत करते हैं. इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया था कि अगर उसके साथ रहना है तो उसके दोस्तों के साथ भी मिलकर रहना होगा.