हल्द्वानी:शहर और आसपास के इलाकों में मूसलाधार बरसात (haldwani heavy rain) हो रही है. सुबह से हो रही बरसात से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. जगह-जगह जलभराव की स्थिति और लोगों के घरों के भीतर तक पानी घुस गया है. नगर निगम (Haldwani Municipal Corporation) के नाले और नहर सफाई के दावे फेल साबित हुए हैं. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. वहीं जलभराव होने से लोगों को आवाजाही करने में काफी परेशानी हो रही है.
नैनीताल जिले में अगले 24 घंटे भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिसको देखते हुए जिलाधिकारी नैनीताल ने जिले के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया हैं. बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए एसडीआरफ और आपदा प्रबंधन टीम को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा भूस्खलन वाली जगहों को चिन्हित कर जेसीबी तैनात की गयी हैं. अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि घर से बाहर निकलने से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर देखें और सड़कों की हालत पता कर लें.
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यही नहीं पहाड़ के जिन इलाकों में कोहरा है, वहां चालक फॉग लाइट का इस्तेमाल जरूर करें. बता दें कि बीते दिन हल्द्वानी से सटे रामनगर में ढेला नदी पर पुल नहीं होने के कारण हादसे में 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. मरने वालों में छह महिलाएं व तीन पुरुष शामिल थे. एक युवती को बचा लिया गया. ढेला नदी पर पुल नहीं बनने से अभी तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. लेकिन शासन-प्रशासन ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया.
रुद्रपुर में भी जलभराव की समस्या:मौसम विभाग ने आज कई जनपदों में बारिश को लेकर हाई अलर्ट जारी किया था. इसके बाद आज सुबह से ही जनपद में मूसलाधार बारिश होने से जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई है. हालांकि जनपद के नदी नाले अभी उफान पर नहीं हैं. बावजूद इसके जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने आपदा कंट्रोल रूम में पहुंचकर आपदा नियंत्रण अधिकारी से जानकारियां ली. इस दौरान उन्होंने जनपद के सभी अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं.
काशीपुर में प्रशासन ने कसी कमर:काशीपुर क्षेत्र में मॉनसून के दौरान बाढ़ के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में बाढ़ से निपटने के पूरी तैयारियां कर ली हैं. इसके लिए बाढ़ कंट्रोल रूम के अलावा बाढ़ चौकियां तथा बाढ़ राहत केंद्र बनाए हैं. बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारी दिन-रात नदियों पर नजर रखे हुए हैं. काशीपुर तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट ने बताया कि क्षेत्र में इस बार मॉनसून के सीजन में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 8 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जबकि दो बाढ़ राहत केंद्र के रूप में नवीन अनाज मंडी तथा किसान इंटर कॉलेज कुंडेश्वरी को बनाया गया है. बाढ़ चौकियों तथा बाढ़ राहत केंद्रों पर विभिन्न विभागों के 6-6 कर्मचारियों की तैनाती की गई है. कुल 60 कर्मचारी 24 घंटे बाढ़ चौकियों, बाढ़ कंट्रोल रूम तथा बाढ़ राहत केंद्रों पर तैनात रहेंगे.