हल्द्वानी: गर्मी बढ़ने और बारिश ना होने से तराई की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला का जलस्तर गिरता जा रहा है. आलम यह है कि नदी के बैराज का रोजाना जलस्तर गिर रहा है, जो सिंचाई विभाग के लिए चिंता का विषय बन रहा है. ऐसे में अब सिंचाई विभाग को बारिश की उम्मीद बची हुई है, जिससे गौला नदी का जलस्तर बढ़ सके.
गर्मी बढ़ने के साथ लगातार गिर रहा गौला का जलस्तर, गहरा सकता है पेयजल और सिंचाई संकट - गौला का जलस्तर
बारिश ना होने से गौला बैराज के जलस्तर में लगातार कमी आ रही है. इससे आने वाले दिनों में हल्द्वानी शहर में पेयजल और सिंचाई का संकट पैदा हो सकता है. वहीं सिंचाई विभाग मौसम पर टकटकी लगाए हुए है, क्योंकि बारिश होने से नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा और इस समस्या से निजात मिल जाएगी.
मंगलवार को गौला बैराज का जलस्तर न्यूनतम 11 क्यूसेक रिकार्ड किया गया. ऐसे में बैराज में पानी नहीं होने के चलते सिंचाई संकट गहरा गया है. अगर कुछ दिनों तक बारिश नहीं हुई तो हल्द्वानी शहर के लिए नदी से मिलने वाले प्यास बुझाने वाले पानी भी नहीं मिल पाएगा. सिंचाई विभाग अपर सहायक अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि गर्मी पड़ने और बारिश नहीं होने के चलते गौला बैराज का जलस्तर रोजाना गिर रहा है. 18 अप्रैल 2023 को 11क्यूसेक, पिछले साल 18 अप्रैल 2022 को 114 11 क्यूसेक, 2021 में क्यूसेक, 2020 में 247 क्यूसेक, 2019 में 124 क्यूसेक दर्ज किया गया. मनोज तिवारी ने बताया कि वर्तमान समय में हल्द्वानी शहर को पेयजल के लिए जल संस्थान को और रोजाना 30 क्यूसेक पानी की सप्लाई की जा रही है.
जबकि सिंचाई के लिए रोस्टर तैयार किया गया है. जहां सप्ताह में 4 दिन सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि सिंचाई के लिए 360 क्यूसेक पानी की जरूरत है, लेकिन बैराज में पानी नहीं होने के चलते रोस्टर के माध्यम से पानी गौलापार, दमुआढुंगा, कठघरिया,देवलचौड़ और लालकुआं क्षेत्रों में सिंचाई के लिए छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सिंचाई के लिए उतनी पानी की आवश्यकता नहीं पड़ रही है. धान की रोपाई जल्द होने वाले हैं, ऐसे में धान की रोपाई में सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता पड़ सकती है. उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ दिनों में वर्षा हो सकती है, जिससे बैराज का जलस्तर बढ़ जाएगा.