हल्द्वानी: शहर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में अज्ञात शवों के अलावा संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों की बिसरा पिछले एक साल से बड़ी तादात में रखे हैं, जिनमें कई मौतों के राज छिपे हैं, लेकिन आज तक इन मौतों के राज से पर्दा नहीं उठ सका है. क्योंकि अज्ञात और संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के शवो के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. बताया जा रहा है कि 450 से अधिक बिसरा की रिपोर्ट पिछले 10 सालों से मेडिकल कॉलेज में धूल खा रही हैं, जिनमें बहुत सी बिसरा अब तक खराब भी हो चुकी हैं, लेकिन इनका निस्तारण अभीतक नहीं हुआ है.
जानकारी के मुताबिक, बिसरा हर लावारिस और संदिग्ध मौतों के मामले में शरीर के आंतरिक अंग फेफड़े, हृदय, आमाशय, आंख, ब्रेन और किडनी के कुछ भाग निकालकर सैचुरेटेड ऑफ कॉमन सॉल्ट में डालकर सुरक्षित रखा जाता है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज कर मौत के कारणों का पता लगाया जा सके. पोस्टमार्टम के बाद बिसरा निकालकर उक्त घटना की जांच रिपोर्ट पुलिस को भेज दिया जाता है, जिससे कि उक्त बिसरे को आगरा देहरादून और रुद्रपुर फॉरेंसिक लैब में जांच हो सके, लेकिन पुलिस की लापरवाही की वजह से बिसरा आज भी वहीं पड़े हुए हैं.