रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर में ग्रामीणों ने आज शुक्रवार 29 दिसंबर को कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन के खिलाफ कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए धरना दिया. प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने 31 दिसंबर को ढेला-झिरना पर्यटन जोन बंद करने का ऐलान किया है. ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से वन विभाग चिन्हित बाघ को ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाया है, जिसने गांव में आतंक फैला रखा है.
इसके साथ ही ग्रामीणों ने वन्यजीवों के हमले से मरने वाले लोगों के आश्रित को मुआवजा राशि दिए जाने और बाघ से हमले से घायल हुए अंकित का विभागीय स्तर पर इलाज कराए जाने की मांग भी उठाई है. दरअसल, शुक्रवार 29 दिसंबर को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ धीरज पांडे ने ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन जब ग्रामीण कार्यालय पहुंचे तो निदेशक डॉ धीरज पांडे वहां मौजूद नहीं थे, जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा सांतवें आसमान पर पहुंच गया.
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वार्ता के लिए आए ग्रामीणों का कहना है कि यदि निदेशक डॉ धीरज पांडे का कई और कार्यक्रम पहले तो तय था, तो उन्हें ग्रामीणों को सूचना देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ग्रामीण महेश जोशी का कहना है कि उन लोगों की बस यही मांग है कि वन्यजीवों के हमलों में अपनी जान गवाने वाले लोगों के परिवारों को कम से कम 25 लाख का मुआवजा दिया जाए और एक महीने पहले बाघ के हमले में घायल हुए अंकित, जिसका दिल्ली में इलाज चल रहा है, उसको उपचार का पूरा खर्च वन विभाग उठाए.
इसके अलावा महेश जोशी का कहना है कि पटरानी की 32 वर्षीय अनीता देवी परिजनों को नौकरी दी जाए और ग्रामीणों की वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए जरूर कदम उठाए जाए. अपनी इन्हीं मांगों को लेकर ग्रामीणों ने साफ किया है कि वो 31 दिसंबर तक सुबह की पाली में कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला झिरना पर्यटन जोन को बंद कर देंगे और मुख्य गेट पर धरना देगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी पार्क प्रशासन की होगी.
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वहीं इस मसले पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक दिगंथ नायक ने बताया कि ग्रामीणों को आज वार्ता के लिए बुलाया गया था, लेकिन डायरेक्टर को अचानक एक कार्यक्रम में जाना पड़ गया, जिस कारण उनकी ग्रामीणों से मुलाकात नहीं हो पाई. ग्रामीणों से वार्ता कर मसले के सुलझा लिया जाएगा. ग्रामीणों की मांगों को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा.