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भीमताल के ग्रामीणों ने दी 28 दिसंबर को उग्र आंदोलन की चेतावनी, 58 कैमरे और 15 पिंजरे भी आदमखोर के सामने फेल - भीमताल आदमखोर बाघ

Fear of man eater Guldar in Bhimtal उत्तराखंड के भीमताल विधानसभा क्षेत्र के तीन गांवों में आदमखोर वन्य जीव की दहशत ने लोगों की जिंदगी नर्क बना दी है. इलाके के लोगों ने अब जिला प्रशासन को 27 दिसंबर तक की मोहलत दी है. 27 दिसंबर तक आदमखोर वन्य जीव नहीं पकड़े जाने पर 28 दिसंबर को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है. आदमखोर अब तक तीन जिंदगियां ले चुका है. गांव में 100 से ज्यादा वन कर्मी तैनात हैं. 58 कैमरा ट्रैप लगे हैं. 15 पिंजरे हैं. इसके बाद भी आदमखोर वन्य जीव पकड़ में नहीं आ रहा है.

Fear of man eater Guldar in Bhimtal
भीमताल आदमखोर बाघ समाचार

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 23, 2023, 11:00 AM IST

Updated : Dec 23, 2023, 1:10 PM IST

ग्रामीणों ने दी 28 दिसंबर को उग्र आंदोलन की चेतावनी

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के भीमताल विधानसभा क्षेत्र में तीन महिलाओं को निवाला बनाने वाला आदमखोर वन्यजीव अभी तक पकड़ से बाहर है. आदमखोर द्वारा पहली महिला को शिकार बनाने के बाद 16 दिन बीत चुके हैं. आदमखोर वन्यजीव के आतंक से भीमताल के अलचौना, पिनरो और मलवाताल गांवों में हालात कर्फ्यू से भी बदतर हो चुके हैं.

भीमताल के गांवों में आदमखोर का आतंक

आदमखोर वन्य जीव ले चुका तीन महिलाओं की जान: आदमखोर वन्य जीव ने 7 दिसंबर को मलवाताल इलाके में इंदिरा देवी को अपना निवाला बनाया था. इलाके के लोग अभी इस सदमे से संभल पाते कि इसके दो दिन बाद 9 दिसंबर को पिनरो गांव में पुष्पा देवी को आदमखोर वन्य जीव ने अपना दूसरा शिकार बना डाला. तीसरी घटना भीमताल के अलचौना गांव में घटी. यहां 19 दिसंबर को निकिता शर्मा को आदमखोर वन्य जीव ने अपना निवाला बनाया. निकिता को जिस वन्य जीव ने अपना शिकार बनाया, वन विभाग ने उसके बाघ होने की पुष्टि की है. ऐसे में माना जा रहा है कि पहले दो महिलाओं का मारने वाला भी यही बाघ रहा होगा.

घरों में कैद हैं लोग

हिंसक वन्य जीव की दहशत से जीवन पटरी से उतरा: हिंसक हुए बाघ की दहशत के कारण छात्र स्कूल कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं. विद्यालय नहीं जाने के कारण राजकीय इंटर कॉलेज अलचौना के 12वीं के छात्र प्रियांशु को नोटिस आने लगे. ऐसे में प्रियांशु की पढ़ाई छूट गई है. ऐसा ही हाल अन्य छात्रों का भी है. जिलाधिकारी ने शिक्षा अधिकारी पर स्कूल खोलने या बंद रखने का फैसला छोड़ा हुआ है.

वन विभाग की 100 कर्मचारियों की टीम भी आदमखोर को पकड़ने में नाकाम

28 दिसंबर को उग्र आंदोलन की चेतावनी: आदमखोर वन्य जीव को पकड़ने में नाकाम वन विभाग के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता हरीश पनेरू ने कहा कि अब गांव के लोगों को मरने नहीं दिया जाएगा. 27 दिसंबर तक वन विभाग आदमखोर को जिंदा या मुर्दा पकड़े नहीं तो 28 दिसंबर से उग्र आंदोलन किया जाएगा. आशा वर्कर लीला भट्ट ने बताया कि समय से पहले ही काम को जल्दी-जल्दी निपटा कर अब घर लौटना पड़ रहा है. क्योंकि फील्ड में भी अकेले ही जाना है और घर पर भी अकेले ही सारा काम देखना है. आदमखोर वन्य जीव के आतंक से शाम होने से पहले ही सारा काम निपटा लेते हैं. ताकि शाम को 6:00 के बाद और सुबह 6:00 से पहले घर से बाहर निकलने की जरूरत ही ना पड़े.

युद्ध स्तर पर अभियान चला रहा वन विभाग: उधर एसडीओ फॉरेस्ट आरके शर्मा का कहना है कि आदमखोर वन्य जीव को पकड़ने के लिए 100 से अधिक फॉरेस्ट अधिकारियों और वन कर्मचारियों को ऑपरेशन में लगाया गया है. वन विभाग के आला अधिकारी इस पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. 58 से ज्यादा कैमरा ट्रैप, 15 से ज्यादा पिंजरे लगाए गए हैं. गांव के अधिकतर हिस्से में अंधेरा होने की वजह से 32 से अधिक सोलर लाइट लगाई जा चुकी हैं. लेकिन आदमखोर वन्य जीव अभी भी वन विभाग की पकड़ से बाहर है.
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Last Updated : Dec 23, 2023, 1:10 PM IST

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