रामनगर: मालधन क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण रामनगर विकासखंड पहुंचे और महिला ग्राम पंचायत अधिकारी पर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया. मामले में ग्रामीणों ने पुलिस को तहरीर देने के साथ ही सीडीओ से भी लिखित शिकायत की. जिसके बाद सीडीओ ने जांच के आदेश दिए हैं.
मालधन क्षेत्र में तैनात महिला ग्राम पंचायत अधिकारी अपनी कार्यशैली से एक बार फिर से विवादों में घिर गई है. इससे पूर्व कोटाबाग ब्लॉक के सैकड़ों ग्राम प्रधान व जनप्रतिनिधियों ने भी महिला ग्राम पंचायत कुमारी महजबी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. वहीं, फिर एक बार महिला ग्राम पंचायत अधिकारी पर मालधन के ग्रामीण देवेंद्र चंदोला ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है.
ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ जनप्रतिनिधियों ने खोला मोर्चा. इस मामले में कई पंचायत प्रतिनिधियों ने रामनगर ब्लॉक कार्यालय पहुंचकर सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) को महिला ग्राम पंचायत अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दी. वहीं, इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
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कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष देवेंद्र चंदोला ने बताया कि ग्राम आनंदनगर मालधन की पंचायत अधिकारी कुमारी मजहबी के खिलाफ गांव के कई जनप्रतिनिधियों ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर दी है. तहरीर में पीड़ित देवेंद्र चंदोला ने आरोप लगाया कि वह 21 मार्च को स्वर्गीय बलदेव पुत्र बहादुर राम, निवासी आनंदनगर के मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु ब्लॉक कार्यालय गया था.
तभी अचानक ग्राम पंचायत अधिकारी कुमारी मजहबी कार्यालय में आई और उनके क्षेत्र विशेष मालधन के लोगों और जनप्रतिनिधियों को जाति सूचक गालियां देने लगी. ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र चंदोला ने महिला अधिकारी पर धमकाने का भी आरोप लगाया है. ग्राम पंचायत अधिकारी के जनप्रतिनिधियों ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है.
वहीं, चंदोला ने महिला अधिकारी पर आरोप लगाया कि वह निर्माण कार्यों के भुगतान के एवज में 15% कमीशन एडवांस में मांगती है. इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी डॉक्टर संदीप तिवारी का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में भी आया है और लिखित में मजहबी के खिलाफ शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है. मैंने जिला पंचायत अधिकारी को इसमें जांच अधिकारी नामित किया है. जिसमें उनको 2 हफ्ते का समय दिया गया है, अगर शिकायत सही पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.