रामनगरः ग्राम प्रधान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुखर हो गई है. रामनगर में भी प्रधान संगठन ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ब्लॉक कार्यालय में तालाबंदी की. साथ ही जोरदार नारेबाजी कर धरना भी दिया. वहीं, कार्यालय में तालाबंदी होने से ब्लॉक में कार्यरत सभी अधिकारी व कर्मचारी बाहर ही बैठे रहे.
बता दें कि पूरे प्रदेश में 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ब्लॉक कार्यालयों में ग्राम प्रधान संगठन का धरनाचल रहा है. रामनगर में भी ग्राम प्रधानों ने धरना देते हुए बीडीओ डीके सुयाल को अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा है. ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष मिथिलेश डंगवाल ने कहा कि उनका यह आंदोलन पूरे प्रदेश के ब्लॉकों में 1 जुलाई से 10 जुलाई तक चलेगा.
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प्रधान संगठन की मुख्य मांगें
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को 2500 प्रतिमाह प्रत्येक ग्राम पंचायत से दिए जाने का आदेश जल्द वापस लेने की मांग की है. उनका कहना है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत खुद अपने काम करने में सक्षम हैं. साथ ही 15वें वित्त में हो रही भारी कटौती पर जल्द रोक लगाने की मांग भी की. पूर्व की भांति 15वें वित्त में आकस्मिक निधि की राशि 10% रखी जाए.
73वें संविधान संशोधन के प्रावधान को लागू करते हुए 29 विषयों को जल्द ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित करने को भी कहा. ग्राम प्रधानों का मानदेय ₹1500 से बढ़ाकर ₹10 हजार करने की मांग भी की. साथ ही ₹5000 मासिक पेंशन के रूप में देने को कहा.
मनरेगा के कार्य दिवस प्रति परिवार 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन प्रति वर्ष किया जाए. महामारी के चलते पंचायतों में बेरोजगारी बढ़ चुकी है. जिससे उन्हें रोजगार दिया जा सके. ग्राम पंचायतों में पंचायतों के जेई और कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति जल्द की जाए. जिससे ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यो में तेजी लाई जा सके.
ग्राम विकास विभाग एवं ग्राम पंचायत विभाग का पूर्व की भांति एकीकरण किया जाए. जिससे कम से कम ग्राम पंचायतें एक ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी को मिल सके. विधायक निधि सांसद निधि को आधार मानते हुए ग्राम पंचायतों को भी ₹5 लाख प्रति वर्ष ग्राम पंचायत निधि की व्यवस्था की जाए. जिससे ग्राम पंचायत अपने स्तर से विकास कार्यों में खर्च कर सकें.