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12 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्राम प्रधान संगठन ने तानी मुठ्ठी, ब्लॉक कार्यालय में जड़ा ताला

उत्तराखंड में 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ग्राम प्रधान संगठन का धरना जारी है. प्रधान संगठन पंचायतों का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाने, 15वें वित्त में हो रही कटौती पर रोक लगाने, ग्राम प्रधानों का मानदेय बढ़ाने समेत कई मांगों को लेकर आंदोलरत हैं.

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ग्राम प्रधान संगठन

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Published : Jul 5, 2021, 4:53 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 7:24 PM IST

रामनगरः ग्राम प्रधान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुखर हो गई है. रामनगर में भी प्रधान संगठन ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ब्लॉक कार्यालय में तालाबंदी की. साथ ही जोरदार नारेबाजी कर धरना भी दिया. वहीं, कार्यालय में तालाबंदी होने से ब्लॉक में कार्यरत सभी अधिकारी व कर्मचारी बाहर ही बैठे रहे.

बता दें कि पूरे प्रदेश में 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ब्लॉक कार्यालयों में ग्राम प्रधान संगठन का धरनाचल रहा है. रामनगर में भी ग्राम प्रधानों ने धरना देते हुए बीडीओ डीके सुयाल को अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा है. ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष मिथिलेश डंगवाल ने कहा कि उनका यह आंदोलन पूरे प्रदेश के ब्लॉकों में 1 जुलाई से 10 जुलाई तक चलेगा.

ग्राम प्रधान संगठन ने ब्लॉक कार्यालय में तालाबंदी की.

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प्रधान संगठन की मुख्य मांगें

कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को 2500 प्रतिमाह प्रत्येक ग्राम पंचायत से दिए जाने का आदेश जल्द वापस लेने की मांग की है. उनका कहना है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत खुद अपने काम करने में सक्षम हैं. साथ ही 15वें वित्त में हो रही भारी कटौती पर जल्द रोक लगाने की मांग भी की. पूर्व की भांति 15वें वित्त में आकस्मिक निधि की राशि 10% रखी जाए.

73वें संविधान संशोधन के प्रावधान को लागू करते हुए 29 विषयों को जल्द ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित करने को भी कहा. ग्राम प्रधानों का मानदेय ₹1500 से बढ़ाकर ₹10 हजार करने की मांग भी की. साथ ही ₹5000 मासिक पेंशन के रूप में देने को कहा.

मनरेगा के कार्य दिवस प्रति परिवार 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन प्रति वर्ष किया जाए. महामारी के चलते पंचायतों में बेरोजगारी बढ़ चुकी है. जिससे उन्हें रोजगार दिया जा सके. ग्राम पंचायतों में पंचायतों के जेई और कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति जल्द की जाए. जिससे ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यो में तेजी लाई जा सके.

ग्राम विकास विभाग एवं ग्राम पंचायत विभाग का पूर्व की भांति एकीकरण किया जाए. जिससे कम से कम ग्राम पंचायतें एक ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी को मिल सके. विधायक निधि सांसद निधि को आधार मानते हुए ग्राम पंचायतों को भी ₹5 लाख प्रति वर्ष ग्राम पंचायत निधि की व्यवस्था की जाए. जिससे ग्राम पंचायत अपने स्तर से विकास कार्यों में खर्च कर सकें.

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ग्राम पंचायत को आपदा मद से प्रति वर्ष 5 लाख की धनराशि दी जाए. जिससे ग्राम पंचायतों में दैवीय आपदा से हुए सरकारी संपत्ति और ग्रामीणों को व्यक्तिगत हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता को निर्माण कार्य हो सके. ग्राम पंचायत में किसी भी विभाग की ओर से किए जाने वाले विकास कार्य और अन्य कार्य में ग्राम पंचायत की खुली बैठक का प्रस्ताव एवं अनुमति को अनिवार्य किया जाए. जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों को अति जल्द धनराशि दी जाए. साथ ही फरवरी 2019 के बाद बंद हुई आवासों की ऑनलाइन प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाए. जिससे अन्य पात्र व्यक्तियों को भी इस योजना का लाभ मिल सके. कोरोना संक्रमण के कारण ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाया जाए.

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ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष मिथिलेश डंगवाल ने कहा कि ग्राम पंचायत बीते 2 सालों से कोरोना महामारी के चलते जूझ रही है. जिस तरह साल 1995 में उत्तराखंड में भूकंप के समय पर ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया गया था. उसी तर्ज पर इस बार भी 1 साल का कार्यकाल ग्राम पंचायतों का बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगामी 10 जुलाई के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

वहीं, मामले में बीडीओ डीके सुयाल ने कहा कि ग्राम पंचायत संगठन की ओर से उन्हें एक ज्ञापन दिया गया है. जिसे उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया जा रहा है. जो भी निर्देश मिलेंगे, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

नरेंद्रनगर में भी प्रदर्शन

वहीं, टिहरी जिले के नरेंद्रनगर विकास खंड कार्यालय में प्रधान संगठन के प्रधान गणों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों के निराकरण को लेकर ब्लॉक में तालाबंदी कर दी. एक जुलाई से प्रदेशभर के प्रधान 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन तालाबंदी कर रहे हैं. लेकिन सरकार के द्वारा अभी तक इनकी मांग पर कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है.

Last Updated : Jul 5, 2021, 7:24 PM IST

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