हल्द्वानीः उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीएड (विशेष शिक्षा) पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक या स्नातकोत्तर स्तर पर 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है. माना जा रहा है कि अब उत्तराखंड में दिव्यांगजनों के लिए विशेष शिक्षकों की कमी दूर होगी.
बता दें कि वर्तमान में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय बौद्धिक अक्षमता एवं अधिगम अक्षमता में इस पाठ्यक्रम का संचालन कर रहा है. विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर के अतिरिक्त देहरादून परिसर में इस पाठ्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिसमें प्रवेश केवल परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को दिया जाता है.
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यह पाठ्यक्रम केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के संविधानिक निकाय भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से पूर्णतया मान्यता प्राप्त है. पाठ्यक्रम पूरी करने के बाद विद्यार्थी विशेष शिक्षक के तौर पर विशेष विद्यालयों या सामान्य विद्यालयों में टीईटी परीक्षा को उत्तीर्ण कर उच्च प्राथमिक शिक्षक के रूप में अपना कैरियर बना सकते हैं.