नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उधमसिंह नगर की जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार के खिलाफ सरकार के निर्देशों पर कुमाऊं कमिश्नर द्वारा की जा रही जांच को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ की जा रही जांच पर रोक लगाते हुए सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह बाद की तिथि नियत की है.
हाईकोर्ट ने उधम सिंह नगर जिला पंचायत अध्यक्ष की जांच के आदेश पर लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब
Uttarakhand High Court उधमसिंह नगर की जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार के खिलाफ सरकार के निर्देशों पर कुमाऊं कमिश्नर द्वारा की जा रही जांच को चुनौती देती याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ की जा रही जांच पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा है. वहीं याचिका करता का कहना है कि सरकार उन पर द्वेष भावना से जांच करा रही है.
मामले के अनुसार उधमसिंह नगर की जिला पंचायत अध्यक्ष ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि उसके खिलाफ राजनीतिक द्वेष भावना के चलते सरकार द्वारा पुराने मामले का संज्ञान लेकर 27 जून को कुमाऊं कमिश्नर को इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. जिसको उनके द्वारा कोर्ट में चुनौती दी गयी और इस जांच पर रोक लगाने की याचिका की गई. याचिका कहा गया है कि यह मामला पार्टी के बीच का था, जो सुलझ गया. अब सरकार उनकी छवि खराब करना चाह रही है. जिस व्यक्ति ने यह शिकायत की थी, उसके खिलाफ उन्होंने अवमानना याचिका दायर की थी.
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जिसे कोर्ट ने जुलाई माह में निस्तारित कर दिया. उन पर आरोप लगाया गया था कि उनके पति सुरेश गंगवार ने जिला पंचायत की बैठकों में भाग लेकर अनावश्यक हस्तक्षेप कर उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 का उल्लंघन किया है. यही नहीं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश 2006 का भी उल्लंघन किया है. साल 2006 में कोर्ट ने कहा था कि जिला पंचायत अध्यक्ष के पति जिला पंचायतों की बैठकों में शामिल नहीं हो सकते. जबकि अध्यक्ष के पति बैठकों में शामिल हुए थे.