नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में आपसी समझौता करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति शरद शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने समझौते को निरस्त करते हुए अभियुक्त को कोर्ट से जेल भेज दिया. साथ मे एसएचओ रुद्रपुर को निर्देश दिए हैं कि पीड़िता एवं उसकी माता को पुलिस सुरक्षा दी जाए.
POCSO Act Case: हाईकोर्ट ने रेप केस में आपसी समझौते को निरस्त कर आरोपी को भेजा जेल
9 साल की नाबालिग बच्ची से रेप मामले में एक मार्च को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. पीड़िता ने कोर्ट को बताया था कि आरोपी ने उसे डरा धमकाकर आपसी समझौते का दबाव बनाया है, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है और आरोपी को कोर्ट से सीधे जेल भेज दिया.
मामले के अनुसार रुद्रपुर की पीड़िता ने रुद्रपुर थाने में 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराकर कहा था कि उसके पिता ने दो शादियां की है. उसके पिता किसी अन्य केस के चलते जेल में हैं, जब वह 9 साल की थी तब उसके साथ पिता एवं चाचा ने दुष्कर्म किया. उसके चाचा बार-बार उस पर समझौते के लिए दवाब डाल रहे हैं. अपनी जान माल की डर से वे बड़ी मुश्किल से समझौते लिए तैयार हुए.
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पुलिस ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 504, 506, 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5, 6, 9 और 10 के तहत मुकदमा दर्ज किया. आज सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कहा कि उन्हें और उनकी माता को जानमाल का भय है. कोर्ट ने इस बात का संज्ञान लेकर याचिका को निरस्त करते हुए आरोपी चाचा को जेल भेज दिया. साथ ही पुलिस को पीड़िताओं को सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं.