नैनीतालःउत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल में गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने पूर्व के आदेश में संशोधन करते हुए लोकायुक्त कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों का पिछले चार माह से रुका हुआ वेतन जारी करने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने यह भी अपने आदेश में संशोधन किया कि कार्यालय की देखरेख, बिल व अन्य पर होने वाले खर्चों को अगले वित्तीय वर्ष तक कर सकते हैं. आज न्यायालय में सरकार की तरफ से कोर्ट के पूर्व के आदेश को संशोधन करने हेतु प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें कहा गया कि कोर्ट के आदेश के बाद लोकायुक्त कार्यालय में कार्यरत नियमित कर्मचारियों को पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला है. जबकि अभी त्यौहारों का समय है. यही नहीं, कोर्ट के आदेश के बाद कार्यालय के समस्त बिल पेंडिंग पड़े हैं. कार्यालय को शिफ्ट भी होना है. इसलिए वित्तीय खर्चों पर लगी रोक को हटाया जाए. जिसपर कोर्ट ने सरकार को उनके वेतन जारी करने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने लगायी थी वेतन देने पर रोक: सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूछा कि अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं हुई? जिसपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया गतिमान है. पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार को लोकायुक्त की नियुक्ति करने हेतु तीन माह का अंतिम अवसर देते हुए यह भी कहा कि जबतक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो जाती, उसके कार्यालय के कर्मचारियों को वहां से वेतन नहीं दिया जाए. चाहे तो सरकार उनसे अन्य विभाग से कार्य लेकर उन्हें भुगतान कर सकती है.
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