नैनीताल:उत्तराखंड हाइकोर्ट ने अभियुक्त हरमीत द्वारा 2014 में दीपावली की रात को अपने ही परिवार के 5 सदस्यों की हत्या करने पर सत्र न्यायालय देहरादून द्वारा फांसी की सजा दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 26 जुलाई को भी जारी रखी है.
HC ने की हरमीत को फांसी दिए जाने के मामले पर सुनवाई, दिवाली रात परिवार के 5 सदस्यों की कर दी थी हत्या - case of Harmeet being hanged
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरमीत को फांसी दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगले दिन भी जारी रखी है. हरमीत ने दीपावली के दिन परिवार के 5 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी.
मामले के मुताबिक, देहरादून के आदर्श नगर में 23 अक्टूबर 2014 को हरमीत ने पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, गर्भवती बहन हरजीत कौर, तीन साल की भांजी समेत बहन के कोख में पल रहे गर्भ की भी निर्मम तरीके से चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी. हत्यारे ने पांच लोगों की हत्या करने में चाकू से 85 बार वार किया था, जिसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट से हुई थी. पुलिस ने जांच में पाया कि हरमीत के पिता की दो शादियां थी. उसको शक था कि उसके पिता सारी संपत्ति सौतेली बहन के नाम पर ना कर दे. उसकी सौतेली बहन हादसे से एक हफ्ते पहले ही डिलीवरी के लिए घर आई थी. उसकी (बहन) शादी की सालगिरह 25 अक्टूबर को थी, जिसकी वजह से वह अपने बच्चे की डिलीवरी भी 25 अक्टूबर को ही कराना चाहती थी. अगर वह डिलीवरी एक दिन पहले करा लेती तो शायद बच्चा व मां की जान बच सकती थी.
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इसका फायदा उठाते हुए हरमीत ने दीपावली की रात को घर पर पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी. इस केस का मुख्य गवाह पांच वर्षीय भांजा कमलजीत बच गया. हत्यारे ने घटना को चोरी का अंजाम देने के लिए अपना हाथ भी काट लिया था. 24 अकटुबर 2014 को पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. जिला सत्र न्यायाधीश (पंचम) आशुतोष मिश्रा ने 5 अक्टूबर 2021 को हरमीत को फांसी की सजा सुनाई. साथ में एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.