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हल्द्वानी में सिंचाई नहरों पर अतिक्रमण मामला, हाईकोर्ट ने विभाग को जवाब पेश करने का आदेश दिया - encroachment case in Haldwani irrigation canals

Encroachment case in Haldwani irrigation canals हल्द्वानी में सिंचाई विभाग की नहरों पर अतिक्रमण करने के मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के तहत अतिक्रमण हटाने के आदेश सिंचाई विभाग को देकर जवाब पेश करने के लिए कहा है.

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उत्तराखंड हाईकोर्ट

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 12, 2023, 7:07 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में सिंचाई नहरों में हुए अतिक्रमण के मामले में कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के तहत नियमानुसार कार्रवाई करने के सिंचाई विभाग को निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के तहत अतिक्रमण हटाने के आदेश सिंचाई विभाग को देकर जवाब पेश करने के लिए कहा है.

मामले के मुताबिक, हल्द्वानी के भगवानपुर निवासी किसान रघुवीर सिंह ने जनहित याचिका दायर कर सिंचाई नहरों में अतिक्रमण होने व अतिक्रमण हटाने से पूर्व एसडीएम की पीपी (पब्लिक प्रेमिसेस) एक्ट में बेदखली की सुनवाई में लंबा समय लगने की बात कहते हुए गुलों को सुचारू करने की प्रार्थना की थी. उन्होंने कहा कि एसडीएम की व्यस्तता के कारण गुलों में अतिक्रमण होने व गुल बंद होने के मामले लटके हुए हैं. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर एक संयुक्त निरीक्षण हुआ था. जिसमें कहा गया था कि भगवानपुर में गुल (कैनाल) को कहीं बंद कर दिया गया है. जबकि कहीं उसका रास्ता बदल दिया गया है और कहीं उसपर अतिक्रमण कर लिया गया है.
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गुरुवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि नार्दन इंडिया कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के अंतर्गत सिंचाई कर्मचारियों को सीधे अतिक्रमण हटाने की शक्ति मिली है. उसके तहत भगवानपुर क्षेत्र में कार्रवाई की जानी चाहिए. इससे वो गुल को दोबारा स्थापित कर पानी शुरू करा सकते हैं. इस शक्ति से कर्मचारी अतिक्रमण को भी तत्काल तोड़ या हटा सकते हैं. वहीं, कोर्ट ने पीपी एक्ट में कार्रवाई कर मामलों को लटकाने पर नाराजगी जताई है. न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उनके आदेशों का इंतजार किए बगैर संबंधित क्षेत्र की गुलों से अतिक्रमण हटाया जाए.

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