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अनुपमा गुलाटी हत्याकांड: HC ने राजेश गुलाटी की शॉर्ट टर्म बेल 21 दिन और बढ़ाई - राजेश गुलाटी की शार्ट टर्म बेल

अनुपमा गुलाटी हत्याकांड (Anupama Gulati murder case) के दोषी राजेश गुलाटी की शॉर्ट टर्म बेल के मामले फिर से उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) में सुनवाई हुई. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राजेश गुलाटी की मेडिकल कंडीशन को देखते हुए उसकी शॉर्ट टर्म 21 दिन और बढ़ा दी है. राजेश गुलाटी की शॉर्ट टर्म बेल 23 सितंबर को समाप्त हो रही (extends Rajesh Gulati short term) थी.

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Published : Sep 21, 2022, 2:42 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड (Anupama Gulati murder case) में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आरोपी राजेश गुलाटी की शॉर्ट टर्म जमानत याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने अभियुक्त राजेश गुलाटी की शॉर्ट टर्म जमानत 21 दिन और बढ़ा दी रही (extends Rajesh Gulati short term) है.

पूर्व में कोर्ट ने राजेश गुलाटी 45 दिन और 10 दिन की शार्ट टर्म बेल दी थी. शार्ट टर्म जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उनकी शॉर्ट टर्म जमानत की अवधि 23 सितंबर को समाप्त हो रही है. अभी उनकी सर्जरी हुई है और डॉक्टर ने उन्हें रेस्ट करने की सलाह दी है. इसलिए उनकी शार्ट टर्म जमानत की अवधि को आगे बढ़ाया जाए.
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बता दें कि दिल दहला देने वाले अनुपमा गुलाटी हत्याकांड को देहरादून में राजेश गुलाटी ने अंजाम दिया था. 17 अक्टूबर 2010 को राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की निर्मम हत्या की थी. इसके बाद शव को छुपाने के लिए राजेश गुलाटी ने अनुपमा गुलाटी के 72 टुकड़े कर डीप फ्रिजर में डाल दिए थे. वहीं, 12 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून आया तो हत्या का खुलासा हुआ.

देहरादून कोर्ट ने राजेश गुलाटी को 1 सितंबर 2017 को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई और 15 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया था, जिसमे से 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने व शेष राशि उसके बच्चों के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने इस घटना को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना था.
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राजेश गुलाटी पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और 1999 में उसने अनुपमा गुलाटी के साथ लव मैरिज की थी. राजेश गुलाटी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में 2017 में चुनौती दी थी. आज उनकी तरफ से अपील में इलाज हेतु जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया.

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