नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष पिथौरागढ़ दीपिका बोरा द्वारा अपने पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच नियमावली के अनुसार कमिश्नर या किसी सक्षम एजेंसी से कराई जाए.
HC ने की जिपं अध्यक्ष के खिलाफ दायर याचिका की निस्तारित, सरकार को दिए ये निर्देश - Uttarakhand High Court
Deepika Bora उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिथौरागढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ दायर याचिका का निस्तारण कर दिया. कोर्ट ने सरकार को मामले की कमिश्नर या किसी सक्षम एजेंसी से जांच कराने के लिए कहा है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 3, 2024, 7:15 PM IST
सुनवाई पर आज बुधवार को सरकार की तरफ से कहा गया कि मामले की प्राथमिक जांच में घपले की पुष्टि हुई है. इसपर याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि वे इस मामले की अंतिम जांच कमिश्नर या किसी अन्य एजेंसी से कराना चाहते हैं. इसपर कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि मामले की जांच कमिश्नर या किसी सक्षम एजेंसी से नियमावली के अनुसार कराएं.
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मामले के अनुसार दिनेश सिंह बिष्ट निवासी नैनी-सैनी पिथौरागढ़ ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोरा ने अपने पद का दुरुपयोग करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार किया है. उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए कई सरकारी ठेकों का टेंडर अपने पिता के नाम जारी किए हैं. जब इसकी शिकायत उनके द्वारा सचिव पंचायतीराज से की गई तो सचिव पंचायतीराज ने इस प्रकरण की जांच करने हेतु 26 जून 2023 को जिलाधिकारी से कहा. परंतु जिलाधिकारी ने इसपर कोई जांच नहीं की. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जांच शीघ्र कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.