नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नियम विरुद्ध तरीके से प्राप्त करने वाले केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) और उत्तराखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूटीईटी) प्रमाण पत्र प्राप्त बीएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है. ऐसे अभ्यर्थियों का रिजल्ट शील्ड बंद लिफाफे में पूर्व से ही बंद है. जिसके खिलाफ उमेश कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने नियम विरुद्ध तरीके से प्राप्त करने वाले सीटीईटी और यूटीईटी प्रमाण पत्र प्राप्त अभ्यर्थियों के लिफाफे खोलने पर रोक लगा दी है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केपी उपाध्याय और उनके असिस्टेंट जूनियर अधिवक्ता हेमंत पंत ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 2600 से अधिक पदों पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती पिछले 3 वर्ष से सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) डी.एल.एड अभ्यर्थियों के मामले में सरकार और बीएड अभ्यर्थियों की एसएलपी के कारण लंबित चल रही थी. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एनआईओएस डी.एल.एड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ राज्य सरकार व बीएड अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. विगत 28 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और बीएड अभ्यर्थियों की एसएलपी स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया था. इसके बाद एनआईओएस अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए.
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