नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने समूचे उत्तराखंड समेत नैनीताल शहर में बंदरों व कुत्तों के बढ़ते आतंक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने ईओ नगर पालिका नैनीताल द्वारा पूर्व के आदेशों का पालन नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की. साथ में कोर्ट ने कार्यदायी संस्था के डायरेक्टर को अवमानना का दोषी मानते हुए नोटिस जारी कर, ईओ नगर पालिका नैनीताल व कार्यदायी संस्था के डायरेक्टर से 10 अक्टूबर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी.
आवारा कुत्तों से निजात दिलाने का मामला: आदेश का पालन ना करने पर EO और डायरेक्टर तलब, कोर्ट ने जताई नाराजगी
Stray Dogs And Monkey Case हाईकोर्ट ने आदेश का पालन ना करने पर नैनीताल नगर पालिका ईओ के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है. साथ ही 10 अक्टूबर को ईओ और कार्यदायी संस्था के डायरेक्टर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है. जानें पूरा मामला.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 3, 2023, 8:00 PM IST
बता दें कि पूर्व में भी कोर्ट ने नैनीताल नगर पालिका के ईओ को अवमानना का नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता गोपाल के वर्मा द्वारा कोर्ट को अवगत कराया कि ईओ और जिला प्रशाशन के द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है, इनके द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़कर उनका बधियाकरण करके उन्हें फिर छोड़ दिया जा रहा है. जबकि कोर्ट ने पूर्व में भी आदेश दिया था कि इनके लिए स्थायी सेल्टर बनाया जाए, इन्हें छोड़ा नहीं जाए. परंतु नगरपालिका व कार्यदायी संस्था ने आवारा कुत्तों को पकड़कर उनका बधियाकरण करके बिना कोर्ट की अनुमति के फिर से छोड़ दिया है.
ये भी पढ़ेंःआवारा कुत्तों के मामले में आदेश का पालन न करना पड़ा भारी, नैनीताल नगर पालिका ईओ HC में तलब
नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक नैनीताल में सैकड़ों लोगों को आवारा कुत्ते काट चुके हैं. पिछले कुछ सालों में प्रदेश में आवारा कुत्ते करीब 40 हजार से अधिक लोगों को काट चुके है. कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण (नसबंदी) भी किया गया था. बावजूद इसके इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. याचिकाकर्ता ने बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की गुहार लगाई है.