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बलिया नाले में भूस्खलन का मामला: सरकार के शपथ पत्र से संतुष्ट नहीं HC, आपदा सचिव को किया तलब

नैनीताल के बलियानाले में हो रहे भूस्खलन मामले पर बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया है, जिससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ. कोर्ट ने आपदा सचिव को तलब किया है.

Uttarakhand High Court latest news
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Published : Nov 17, 2021, 4:56 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के बलियानाले में हो रहे भूस्खलन पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार की तरफ से दायर शपथ पत्र से संतुष्ट न होकर सैकेट्री डिजास्टर मैनेजमेंट को 24 नवंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई.

इसके अलावा खंडपीड ने 2018 में हाईकोर्ट के निर्देशों पर बनायी गई हाईपावर कमेटी द्वारा दिए गए सुझावों पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है? इस पर भी विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. मामले में आज याचिककार्ता द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि नैनीताल का बलिया नाले में बरसात के समय भारी भूस्खलन होते जा रहा है, जिससे उसके आसपास रहने वाले लोग प्रभावित हो रहे हैं.

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याचिकाकर्ता ने कोर्ट ने बताया कि भूस्खलन होने के कारण प्रशासन ने कुछ परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट भी किया है, लेकिन सरकार की लापवाही के चलते आज तक इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, जबकि करोड़ों रुपये इस पर खर्च किया गया. 2018 में कोर्ट के आदेश पर इसके समाधान हेतु एक हाईपावर कमेटी भी गठित की गई थी, लेकिन उसके द्वारा दिये गए सुझावों पर आज तक प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया.

मामले के अनुसार नैनीताल निवासी अधिवक्ता सैय्यद नदीम मून ने 2018 में उच्च न्यायालय में जनहित दायर कर कहा था कि नैनीताल के आधार कहे जाने वाले बलिया नाले में हो रहे भूस्खलन से नैनीताल व इसके आसपास रहे लोगों को बड़ा खतरा हो सकता है. नैनीताल के अस्तित्व और लोगों को बचाने के लिए इसमे हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय किया जाए. ताकि क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोका जा सके.

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