नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट में राज्य में समय पर निकाय चुनाव न कराए जाने को लेकर दायर अलग अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई. मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश हुए नितिन भदौरिया सचिव शहरी विकास उत्तराखंड ने न्यायालय को आश्वस्त किया कि 6 महीने के भीतर राज्य में नगर निकायों के चुनाव करा लिए जाएंगे.
याचिका में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सचिव के बयान रिकॉर्ड करने के बाद दोनों याचिकाओं को लंबित रखते हुए मामले की सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि नियत की है. मंगलवार 9 जनवरी 2024 को सचिव शहरी विकास नितिन भदौरिया कोर्ट में पेश हुए. राज्य सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि सरकार ने निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आरक्षण तय करने के लिए एक सदस्यीय न्यायिक कमीशन का गठन भी किया है.
मामले के अनुसार जसपुर निवासी मो. अनीश और अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर पालिकाओं और नगर निकायों का कार्यकाल दिसंबर माह में समाप्त हो गया है. कार्यकाल समाप्त हुए एक माह बीत गया है, फिर भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नहीं किया. उल्टा निकायों में अपने प्रशासक नियुक्त कर दिए. प्रशासक नियुक्त होने की वजह से आमजन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि निकायों के चुनाव कराने हेतु सरकार को याद दिलाने के लिए पूर्व से ही एक जनहित याचिका कोर्ट में विचाराधीन है.
जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वो निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक नियुक्त करे. प्रशासक तब नियुक्त किया जाता है जब कोई निकाय भंग की जाती है. उस स्थिति में भी सरकार को छह माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है. यहां इसका उल्टा है. निकायों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है. लेकिन अभी तक चुनाव कराने का कर्यक्रम घोषित तक नहीं हुआ. ऊपर से निकायों में अपने प्रशासक नियुक्त कर दिए जो कि संविधान के विरुद्ध है. लोकसभा और विधानसभा के चुनाव तय समय में होते हैं. लेकिन निकायों के चुनाव तय समय में क्यों नहीं. नियमानुसार निकायों के कार्यकाल समाप्त होने से छह महीने पहले चुनाव काकार्यक्रम घोषित हो जाना था जो अभी तक नहीं हुआ.