उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

इंदर आर्य ने किया शेफ से सिंगर तक का सफर, उत्तराखंड में उनके गीत मचा रहे धमाल, जानिए आगे की क्या है प्लानिंग - गायक इंदर आर्य

Folk Singer Inder Arya लोक गायक इंदर आर्य के गीतों को लोगों का बेशुमार प्यार मिल रहा है. जिसके लिए इंदर आर्य ने अपने प्रशंसकों का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि मेहनत और लगन से उन्हें ये मुकाम मिला है. उन्होंने युवाओं को भी ईमानदारी के काम करने की बात कही.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 17, 2024, 9:37 AM IST

Updated : Jan 17, 2024, 11:32 AM IST

इंदर आर्य ने किया शेफ से सिंगर तक का सफर

हल्द्वानी:उत्तराखंड के जाने-माने लोक गायक इंदर आर्य का गीत ठुमक-ठुमक जब हिटछ तू पहाड़ी बाटोमा, छम छम पायल घुंघरू, बजनि त्यार खुटुमा इन दिनों लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. इंदर आर्य के इस गाने पर इंस्टाग्राम पर 50 लाख से अधिक लोग रील बना चुके हैं. लेकिन बहुत से लोगों को पता नहीं है कि इस गीत को गाने वाले इंदर आर्य उत्तराखंड के रहने वाले हैं. ईटीवी भारत संवाददाता से इंदर आर्य ने खुलकर बात की और आगे की योजनाओं के बारे में बताया.

मेहनत और लगन से मिला मुकाम:इंदर आर्य ने अपने गीतों को लोगों का प्यार मिलने पर उनका आभार जताया है. लोक कलाकार इंदर आर्य ने कहा कि उनके द्वारा गाये जा रहे सभी गीतों को लोग बहुत प्यार दे रहे हैं और उनकी कोशिश है कि उत्तराखंड की संस्कृति की पहचान पूरी देश दुनिया हो सके. इंदर आर्य ने कहा कि पिछले कई सालों से वो संगीत के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, लेकिन उनको काफी मेहनत के बाद उपलब्धि मिली है. उन्होंने उत्तराखंड के युवाओं को मेहनत और लगन से कार्य करने को कहा. साथ ही कहा कि एक दिन उसका परिणाम अच्छा मिलता है.

इंदर आर्य के गीतों को लोग कर रहे पसंद
पढ़ें- उत्तरायणी महोत्सव में लोकगीतों पर देर रात तक जमकर थिरके लोग, देखिए वीडियो

कभी होटल में शेफ की नौकरी करते थे इंदर आर्य:कभी होटल मे शेफ रहे इंदर आर्य के गाने ठुमक-ठुमक जब हिटछ तू पहाड़ी बाटोमा, छम छम पायल घुंघरू, बजनि त्यार खुटुमा को इंस्टाग्राम पर 50 लाख से अधिक लोग रील बना चुके हैं. लोक गायक इंदर आर्य मूलरूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जनपद के बागपाली गांव के रहने वाले हैं. इंदर आज भी सामान्य जीवन जीते हैं. कभी इंदर होटल में शेफ हुआ करते थे. वो करीब15 साल तक राजस्थान, हरियाणा, पंजाब में शेफ रहे. इंदर आर्य एक छोटी सी नौकरी कर आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं. इंदर ने गांव से ही इंटरमीडिएट किया. इंदर बताते हैं कि बचपन में वो गानों को गुनगुनाते तो थे,लेकिन संगीत में करियर बनाने के लिए कभी सोचा नहीं. लेकिन होटल में काम करने के दौरान जब साथियों ने उन्हें प्रेरित किया, तब जाकर उन्होंने संगीत के क्षेत्र में कदम रखा. आज सभी का प्यार मिल रहा है.
पढ़ें-मसूरी विंटर लाइन कार्निवल में छाया इंदर आर्य के गीतों का जादू, गुलाबी शरारा की हुई बार-बार डिमांड

इंदर आर्य ने बताई आगे की प्लानिंग:इंदर आर्य ने बताया कि उनके माता-पिता गांव में रहते हैं, जबकि वो बच्चों के साथ हल्द्वानी में रहते हैं और घर आना-जाना लगा रहता है.घर में माता-पिता के अलावा पत्नी पुष्पा व दो बेटे अनीश व यमन हैं. इंदर आर्य का कहना है कि आज इस मुकाम पर पहुंचने पर उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश के लोगों का प्यार मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अभी भी वह घर में समय मिलने पर खाना बनाते हैं और जब वह संगीत को छोड़ेंगे तो वो एक होटल खोल कर अपना कारोबार शुरू करेंगे.

Last Updated : Jan 17, 2024, 11:32 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details