हल्द्वानी: मई के मौसम में जहां भीषण गर्मी होती थी उसके उलट वर्तमान समय में मौसम ने पूरी तरह से करवट बदल ली है. उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश के चलते मौसम सर्द बना हुआ है. मौसम विभाग ने पर्वतीय जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी और बारिश का अनुमान जताया है. मौसम का यह पूर्वानुमान बिल्कुल सही साबित हो रहा है. राज्य के पर्वतीय और मैदानी इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी है, जो अगले 2 से 3 दिन तक ऐसा ही रहेगा.
बेमौसम बरसात ने बुझाई जंगलों की आग, मौसम विशेषज्ञों ने बारिश को बताया जानवरों के लिये लाभदायक
राज्य में इस वर्ष गर्मी के मौसम में बारिश का होना मौसम विशेषज्ञों के द्वारा बेहतर बताया जा रहा है. उनके अनुसार बेमौसम बारिश ने जंगलों में लगने वाली आग को बुझा दिया है. इसके साथ ही मौसम के इस परिवर्तन का प्रभाव जंगली जीव-जंतुओं के लिये भी फायदेमंद रहा है.
बारिश ने बुझाई जंगलों की आग: मौसम में होने वाले इस परिवर्तन को विशेषज्ञ बेहतर मान रहे हैं. जिसका कारण यह है कि पिछले सालों में मई के महीने में गर्मी के दौरान जंगलों में भीषण आग की घटनाएं सामने आने रही थी. इस साल भी कुमाऊं व गढ़वाल के जंगलों के कुछ हिस्से में आग की घटनाएं सामने आई. लेकिन बदलते मौसम चक्र के चलते बारिश का सिलसिला जारी है. जंगलों की आग पूरी तरह से बुझ चुकी है. बारिश का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि जंगलों में नई घास भी उग रही है जो वन्य जीवों के लिहाज से काफी फायदेमंद है.
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विशेषज्ञ शिव दत्त तिवारी मानते हैं कि मई के महीने के दौरान पहाड़ों में चीड़ के पेड़ से रेजिन (लीसा) टैपिंग बड़ी मात्रा में हो रहा है, जो कि जंगलों में आग लगने का सबसे बड़ा ज्वलनशील कारक है. पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के चलते रेजिन (लीसा) टैपिंग कंट्रोल हुई जिसके चलते जंगल की आग बुझ चुकी है. वन विभाग के जंगलों में और पहाड़ी क्षेत्रों में जिस तरह बारिश हो रही है उससे साबित हो रहा है कि वन विभाग में कई जगह आग की घटनाएं होती थी, जिससे जंगली जानवरों पर भी असर पड़ता था. लेकिन मौसम का ये परिवर्तन वन्यजीवों के लिए भी काफी लाभदायक है.