उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

अनोखी पहलः पानी की रीसाइक्लिंग से हो रही वाहनों की धुलाई, देखिए खास रिपोर्ट

हल्द्वानी के एक कार सर्विस सेंटर संचालक ने अनोखा तरीका निकालते हुए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पानी की बचत कर वाहनों की धुलाई का नया तरीका अपनाया है. जिससे वाहनों की धुलाई भी हो जाए और पानी भी खर्च ना हो.

वाहनों की धुलाई

By

Published : Jun 8, 2019, 12:12 PM IST

Updated : Jun 9, 2019, 12:05 AM IST

हल्द्वानीःगर्मियों में पानी की किल्लत से निपटना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है. इस भीषण गर्मी में लगातार तापमान बढ़ रहा है. हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में लगातार पानी की बढ़ती किल्लत को देखते हुए जिला प्रशासन ने मई और जून तक शहर और उसके आसपास भवनों के निर्माण और पानी का प्रयोग करने वाले सर्विस सेंटर में कार की धुलाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.

शहर के एक सर्विस सेंटर में पानी की रीसाइक्लिंग से हो रही वाहनों की धुलाई हो रही है.

जिसके मद्देनजर हल्द्वानी के एक कार सर्विस सेंटर संचालक ने अनोखा तरीका निकालते हुए अपने सर्विस सेंटर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पानी की बचत कर वाहनों की धुलाई का नया तरीका अपनाया है. जिससे वाहनों की धुलाई भी हो जाए और पानी भी खर्च ना हो.

दरअसल, हल्द्वानी और उसके आसपास के इलाकों में पानी के संकट के ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने 2 महीने के लिए सभी प्रकार के भवन निर्माण और वाहन धुलाई सर्विस सेंटर पर प्रतिबंध लगा दिया है

लेकिन इन सबके बीच हल्द्वानी के एक सर्विस सेंटर द्वारा नायाब तरीका निकालते हुए अपने सर्विस सेंटर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पानी की रीसाइक्लिंग कर सर्विस सेंटर में आने वाले वाहनों की धुलाई कर उनको चमकाया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः 'नींद से जागी' उत्तराखंड कांग्रेस, 10 जून को करेगी चुनावी हार की समीक्षा

सर्विस सेंटर के संचालक सागर शर्मा का कहना है कि एक बार कार धोने 50 से 60 लीटर पानी खर्च होता है. ऐसे में वाहनों की धुलाई में रोजाना लाखों लीटर पानी की बर्बादी होती है जिसको रोकने के मद्देनजर उन्होंने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया और पानी की रीसाइक्लिंग कर उसी पानी से दोबारा वाहनों की धुलाई की जाती है.
करीब डेढ़ से दो लाख की लागत से तैयार किया गया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में दो आठ और 10 फीट के पानी के टैंक बनाए गए हैं. एक बार टैंक में पानी भर जाने के बाद उस पानी से कई दिनों तक वाहनों की धुलाई की जाती है.

वाहनों का धुला गंदे पानी एक टैंक में इकट्ठा किया जाता है. जिसको मशीन के माध्यम से उसको ट्रीटमेंट कर पानी को साफ किया जाता है और फिर दोबारा उसी पानी से अन्य वाहनों को धोया जाता है. उन्होंने बताया कि इस तरह पानी की बर्बादी को रोका जा रहा है और मात्र 10 प्रतिशत पानी खर्च से वाहन की धुलाई हो जाती है.

वहीं, वाहन धुलवाने वालों का भी कहना है कि ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए पानी की बचत कर वाहनों की धुलाई करना बहुत सराहनीय कदम है. ऐसे में सभी शहर के अन्य सर्विस सेंटर को इसी तरह की पहल करनी चाहिए जिससे कि पानी की बर्बादी ना हो.

उनका कहना है कि जो भी सर्विस सेंटर अगर इस तरह की तकनीक को नहीं अपनाता है. उसको जिला प्रशासन को सर्विस सेंटर चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

फिलहाल इस तरह की नई तकनीक को अपनाकर वाहनों की धुलाई करने वाला हल्द्वानी का यह सर्विस सेंटर अन्य सर्विस सेंटरों के लिए मिसाल है, क्योंकि शहर में सभी सर्विस सेंटर बंद हैं, जबकि एकमात्र सर्विस सेंटर हल्द्वानी के लोगों के वाहनों को चमका रहा है.

Last Updated : Jun 9, 2019, 12:05 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details