हल्द्वानीः बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के लिए शासन से प्रथम चरण के लिए 47 करोड़ रुपए का का बजट जारी हुआ है. शुक्रवार को सांसद अजय भट्ट समेत जिले के अधिकारी जमरानी बांध परियोजना के प्रभावित डूबे गांव का दौरा करने हैड़ाखान पहुंचे थे. इस मौके पर सांसद अजय भट्ट ने बांध प्रभावितों की समस्याओं को भी सुना और उन्हें इस समस्याओं के जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया.
तराई बावर की पेयजल और सिंचाई विद्युत उत्पादन का 1967 से प्रस्तावित जमरानी बांध परियोजना को अमलीजामा पहनाने की आस 47 साल बाद जगी है. सांसद अजय भट्ट द्वारा इस बांध परियोजना के मामले को संसद में उठाया गया था. जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार ने परियोजना पर दिलचस्पी दिखाई है. ऐसे में राज्य सरकार ने प्रथम चरण के लिए जमरानी बांध की डीपीआर और योजना बनाने के लिए 47 करोड़ रुपए जारी किए है.
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बता दें कि सांसद अजय भट्ट को जमरानी बांध परियोजना के दायरे में आ रहे गांव के विस्थापन के संबंथ में ग्रामीणों से बातचीत करने पहुंचे. जहां पर विस्थापन संबंधी समस्याओं को सुना और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि बांध में डूबे क्षेत्र को विस्थापन किया जायेगा. साथ ही सरकार बांध प्रभावितों की हरसंभव मदद करेगी.
वहीं, जमरानी बांध परियोजना के जद में आ रहे गावों को विस्थापन के लिए पहले ही सिंचाई विभाग द्वारा सर्वे किया जा चुका है.160 मीटर ऊंचे जमरानी बांध के दायरे में 9 गांव शामिल है. जिसमें करीब 688 परिवार प्रभावित हो रहा है. लेकिन 47.40 हेक्टेयर कृषि भूमि चिन्हित की गई है. जो परियोजना के जद में आ रही हैं. साथ ही परियोजना के निर्माण हो जाने से तराई बावर की पेयजल और सिंचाई कि समस्या खत्म हो जाएगी.बल्कि 14 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी होगा. जो कुमाऊं में एक नया आयाम स्थापित करेगा.