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कारगिल युद्ध में 3 'बंधुओं' ने दुश्मनों को किया परास्त, एक ने दिया सर्वोच्च बलिदान - शहीद विश्व बंधु को श्रद्धांजलि

कारगिल युद्ध में रामनगर में एक ही परिवार के तीन भाई (विश्व बंधु, देश बंधु और भारत बंधु) भी शामिल थे, जिसमें विश्व बंधु ने देश के लिए अपनी शहादत दी.

Ramnagar martyr Vishwa Bandhu
Ramnagar martyr Vishwa Bandhu

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Published : Jul 26, 2021, 1:23 PM IST

Updated : Jul 26, 2021, 5:35 PM IST

रामनगर: इस साल कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ है. कारगिल विजय दिवस घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों पर भारतीय सैनिकों की जीत के उपलक्ष्य में 26 जुलाई को मनाया जाता है. कारगिल युद्ध में रामनगर में एक ही परिवार के तीन भाई (विश्व बंधु, देश बंधु और भारत बंधु) भी शामिल थे, जिसमें विश्व बंधु ने देश के लिए अपनी शहादत दी.

कारगिल दिवस के अवसर पर रामनगर के पूर्व सैनिकों ने शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. कारगिल युद्ध में हमारे देश के 527 जवान शहीद हुए, जिसमें उत्तराखंड के 75 जवान शहीद शामिल थे. शहीदों में नैनीताल जिले के 5 जवान शामिल हैं, जिनमें रामनगर के 2 जवानों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी. इस मौके पर सेवानिवृत्त देश बंधु रावत और सेवानिवृत्त भारत बंधु रावत भी शामिल हुए.

कारगिल में देवभूमि के रणबांकुरों ने दी थी प्राणों की आहुति.

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रामनगर के पहले शहीद लांसनायक रामप्रसाद ध्यानी (बैटल 17 गढ़वाल राइफल्स) के थे, जो 25 जुलाई 1993 को शहीद हुए. उनके परिवार में माता-पिता के अतिरिक्त वीरांगना पत्नी जयंती देवी, एक बेटी ज्योति, दो बेटे अंकित और अजय है. अंकित कानून की पढ़ाई कर रहे हैं और अजय भी सेना में भर्ती हो चुके हैं. दूसरे शहीद विश्व बंधु हैं, जिन्होंने 24 जुलाई, 1999 को देश के लिए शहादत दे दी.

कारगिल युद्ध के समय पिता योगंबर सिंह रावत और माता कमला रावत के लिए गौरवपूर्ण क्षण थे कि उनके तीनों बेटे भारत बंधु रावत (17 गढ़वाल राइफल), देशबंधु रावत (9 गढ़वाल राइफल) और विश्व बंधु रावत (14 गढ़वाल राइफल्स) एक साथ दुश्मनों से लड़ रहे थे, जिनमें सबसे छोटे बेटे विश्व बंधु रावत शहीद हो गए.

Last Updated : Jul 26, 2021, 5:35 PM IST

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