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ये कैसी फलपट्टी! नियमों को ताक पर रखकर चलाई जा रही हरे पेड़ों पर आरी - uttarakhand forest department

रामनगर के ढिकुली, कानियां, तेलीपुरा पीरुमदारा, सवालदें और काशीपुर मार्ग समेत हल्द्वानी-रामनगर की मुख्य सड़क के पास कई सदाबहार और फलदार बगीचे काट दिए गए हैं. यहां पर लीची और आम के पेड़ मौजूद थे. जिन्हें काटकर बगीचों को कंक्रीट में बदला जा रहा है.

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पेड़ों का कटान

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Published : Feb 28, 2020, 8:35 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 11:01 PM IST

रामनगरः नैनीताल जिले में रामनगर क्षेत्र के 26 गांवों को फलपट्टी घोषित किया गया है. यहां फलपट्टी में आम और लीची की खेती बहुतायत में होती है. जिसकी डिमांड विदेशों तक है, लेकिन यहां नियमों को ताक पर रखकर कॉलोनी विकसित करने के लिए हरे पेड़ों पर जमकर आरी चलाई जा रही है. वहीं, फलदार बगीचों के अवैध कटान पर प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है.

आम और लीची के पेड़ों का किया जा रहा अवैध कटान.

बता दें कि रामनगर को फलपट्टी क्षेत्र घोषित किया गया है, लेकिन रामनगर के ढिकुली, कानियां, तेलीपुरा पीरुमदारा, सवालदें और काशीपुर मार्ग समेत हल्द्वानी-रामनगर की मुख्य सड़क के पास कई सदाबहार और फलदार बगीचे काट दिए गए हैं. यहां पर लीची और आम के पेड़ मौजूद थे. जिन्हें काटकर कंक्रीट में बदला जा रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो बाग-बगीचों का विलुप्त होना, किसी भयावह परिणाम की ओर इशारा है.

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वहीं, मामले में प्रशासन बेखबर बना हुआ है. तराई पश्चिमी के प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागड़ी का कहना है कि फलपट्टी में उद्यान विभाग की ओर से वन से दो किलोमीटर के बाहर की परमिशन दी जाती है. उसमें भी समस्त कार्रवाई उद्यान विभाग को ही करनी होती है. ऐसे में दो किलोमीटर के दायरे में इस तरह का प्रकरण सामने आता है तो मामले की जांच की जाएगी. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Feb 28, 2020, 11:01 PM IST

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