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एक जनवरी से सरकारी अस्पताल में इलाज होगा महंगा, जानिए वजह - सरकारी अस्पताल में इलाज होगा महंगा

महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को एक जनवरी से सरकारी अस्पताल में इलाज कराना महंगा पड़ेगा.हर साल 10 प्रतिशत यूजर चार्ज बढ़ने के चलते सरकारी अस्पताल में होने वाले इलाज और जांच में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.

government hospital
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Published : Dec 30, 2020, 1:36 PM IST

हल्द्वानी:महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को एक जनवरी से सरकारी अस्पताल में इलाज कराना महंगा पड़ेगा. बताया जा रहा है कि हर साल 10 प्रतिशत यूजर चार्ज बढ़ने के चलते सरकारी अस्पताल में होने वाले इलाज और जांच में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. हल्द्वानी के राजकीय बेस अस्पताल में एक जनवरी से ओपीडी का पर्चा अब ₹25 के बजाय ₹28 में बनेंगे.

हल्द्वानी के राजकीय अस्पताल के एमएस हरीश लाल ने बताया कि हर साल 10 प्रतिशत यूजर चार्ज में वृद्धि की जाती है. जिसको देखते हुए इलाज के दरों में वृद्धि की जा रही है. ₹25 की ओपीडी की पर्चा अब ₹28 में बनेगा. अल्ट्रासाउंड ₹518 के जगह पर ₹570 देने होंगे. जबकि ₹261 के डिजिटल एक्स-रे के लिए अब ₹287 देने होंगे. ₹181 का मैनुअल एक्स्ट्रा को अब ₹200 देने होंगे. लिक्विड प्रोफाइल टेस्ट के लिए अब ₹679 देने होंगे जो पहले ₹617 में होता था. ₹258 का ईसीजी अब ₹284 में होगा. पक्का प्लास्टर ₹780 के जगह पर अब ₹858, कच्चा प्लास्टर ₹258 के जगह पर अब ₹284 देने होंगे. इसके अलावा सभी तरह के जांचों पर ₹10 की वृद्धि की गई है.

हल्द्वानी के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल में पर्चे के निर्धारित रेट ₹5 पिछले कई सालों से है, जबकि सुशीला तिवारी अस्पताल में पिछले कई सालों से इलाज और जांचों के दाम में कोई वृद्धि नहीं की गई है. ऐसे में बताया जा रहा है कि सुशीला तिवारी अस्पताल आज भी सस्ता इलाज है. जिसके चलते लोग अब बेस अस्पताल की जगह सुशीला जाकर तिवारी अस्पताल को प्राथमिकता देने लगे हैं. जिससे लोगों को सस्ता इलाज मिल रहा है.

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लोगों का कहना है कि पहले से बेस अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. लेकिन सरकार व्यवस्था सुधारने के बजाय इलाज के दामों में वृद्धि कर रही है. जिससे साफ पता चलता है कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीर हैं.

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