हल्द्वानी: पुष्कर सिंह धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रोडवेज की अब धीरे-धीरे दशा और दिशा सुधरने जा रही है. रोडवेज में कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्होंने जीवनभर नौकरी की. सेवानिवृत्त होने के बाद भी विभाग ने उन कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट की राशि एकमुश्त नहीं दी. इस राशि पाने के इंतजार में कई ऐसे कर्मचारी थे, जो इस दुनिया से चले गए. ऐसे में अब परिवहन निगम ने 2016 से रिटायरमेंट हुए कर्मचारियों को उनके ग्रेच्युटी, नकदीकरण और ओवरटाइम समेत अन्य राशियों का भुगतान करना शुरू कर दिया है.
हल्द्वानी पहुंचे परिवहन मंत्री चंदन रामदास का भी मानना है कि उत्तराखंड परिवहन निगम काफी घाटे में चल रही है, लेकिन अब निगम का घाटा धीरे-धीरे कम हो रहा है. रोडवेज से नौकरी कर रिटायर होने के कई साल बाद भी कर्मचरियों को रिटायरमेंट फंड तक नहीं मिले. यहां तक कि कई रिटायर कर्मचारी की अपनी रिटायरमेंट की रकम की आस देखते-देखते मृत्यु भी हो गई, लेकिन अब परिवहन निगम ने उनका रिटायरमेंट भुगतान देने का काम शुरू किया है.
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इसके अलावा पिछले 6 महीने से रोडवेज कर्मचारियों की तनख्वाह के बैकलॉग को भी परिवहन निगम ने अब धीरे-धीरे कम किया है. परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने बताया कि रोडवेज की संपत्ति बंटवारे के बाद मिली रकम से रोडवेज के घाटे को कम करने का काम किया गया है. 2016 से रिटायर कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड भी नहीं मिले थे. ऐसे में अब उनको फंड देने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा 6 महीने की तनख्वाह के बैकलॉग को अब खत्म कर हर महीने तनख्वाह देने की शुरुआत कर दी गई है.