रामनगर: अपने कारनामों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाला वन विभाग अब उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां भी उठाने लगा है. ऐसे ही एक मामला जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सामने आया है. यहां हाथी पर सफारी कराई जा रही है (safari on elephants in Jim Corbett) , जबकि उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने अपने आदेश में साफ किया है कि हाथियों का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद भी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में ऐसा हो रहा है.
दरअसल, इस पूरे मामले से जुड़ा हुआ एक वीडियो सामने आया है. वायरल वीडियो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की झिरना रेंज है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि हाथियों पर पर्यटकों को सफारी करवाई जा रही है. इसके बदले उनसे पैसे भी लिए जा रहे हैं. इस तरह की खबरें पहले भी सामने आ चुकी है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की झिरना रेंज में सफारी कराई जा रही है.
कॉर्बेट नेशनल पार्क में हाथियों पर करवाई जा रही सफारी. पढ़ें- टिहरी के नेलचामी में फटा बादल, खेत और फसलें हुई तबाह, प्रशासन की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हालांकि इस वीडियो के बारे में सीटीआर के निदेशक नीरज शर्मा ने बताया कि इस तरह तरह का एक मामला सामने आया है. फाटो कैंपस में कुछ बच्चों को हाथी पर बैठाया गया है. सफारी का मामला तो पूरी तरह से सामने नहीं आ रहा है, लेकिन फिर भी मामले की जांच की जारी है. हालांकि महावत पर तो कार्रवाई की भी गई है.
सीटीआर के निदेशक नीरज शर्मा ने बताया कि ये हाथी झिरना रेंज है, जिनका इस्तेमाल मॉनसून सीजन में गश्त के दौरान किया जाता है. मामले की जांच की जा रही है, जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि साल 2018 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 का हवाला देते हुए हाथियों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगाई थी. यदि कोई हाथियों का व्यावसायिक इस्तेमाल करता है, तो उसके खिलाफ कानून कार्रवाई की जाएगी.
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