रामनगर: पर्यटन कारोबारियों बीते काफी समय से अपनी मांगों को लेकर रामनगर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन संबंधित अधिकारी उनकी मांगों पर विचार ही नहीं कर रहे हैं. इसीलिए आज उन्होंने कॉर्बेट जिप्सी वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार के खिलाफ नारेबाजी की और रामनगर में पर्यटन की शव यात्रा निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया.
दरअसल, पर्यटन कारोबारी पिछले 12 दिनों से अपनी मांगों को लेकर वन परिसर के मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाले पर्यटन जोन सीताबनी में पर्यटन गतिविधियां पूर्व की तरह संचालित की जाए, लेकिन डीएफओ नए कानून बनाकर पर्यटन को प्रभावित कर रहे हैं. इससे हजारों लोगों के रोजगार पर संकट गहरा रहा है.
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उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान सरकार और पर्यटन कारोबारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है. सरकार को हुए राजस्व के नुकसान की भरपाई इन अधिकारियों से करने की मांग करते हुए कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
बता दें रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाले सितावनी पर्यटन जोन में वन विभाग द्वारा पिछले माह में जिप्सियों की लिमिटेशन कर दी थी. जिस क्रम में 100 जिप्सियां सुबह की पाली और 100 जिप्सियां शाम की पाली में दो अलग अलग जगह से पर्यटकों को भ्रमण पर लेकर जाती हैं. इस लिमिटेशन को हटाने को लेकर आज कॉर्बेट वेलफेयर एसोसिएशन के लोग ने पर्यटन की शव यात्रा निकाली.
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वहीं, मामले में डीएफओ कुंदन कुमार ने कॉर्बेट वेलफेयर एसोसिएशन की मांगों को निराधार बताया. उन्होंने कहां कि रोज 200 जिप्सियों की सितावनी ज़ोन में अनुमति है, लेकिन औसतन 50 से 60 ही जिप्सियां जा रही हैं. पिछले एक माह में 200 जिप्सियां कभी भी सितावनी ज़ोन में नहीं गई है.
उन्होंने बताया कि पूर्व में भी कई ऐसे मामले प्रकाश में आये है, जिसमें सीतावनी जोन घुमाने के नाम पर पर पर्यटकों को जिप्सी चालक द्वारा पीडब्ल्यूडी की रोड पर घुमाने के धोखाधड़ी की गई. कॉर्बेट वेलफेयर एसोसिएशन कारोबारियों को बात करने के लिए बुलाया है, लेकिन वो अभीतक नहीं आए है. ये क्षेत्र वन बाहुल्य क्षेत्र है, जो निर्णय लिया गया है वो नियमानुसार लिया है.