नैनीताल: कोरोनाकाल में प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय को खासा नुकसान हुआ है, जिससे व्यापारी वर्ग उबर नहीं पाया है. कोरोना के मामले कम होते ही प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को भी पंख लगना शुरू हो गया है. नैनीताल जनपद के रामगढ़, रामनगर, भीमताल समेत आसपास के पर्यटक स्थलों की ओर सैलानी रुख करने लगे हैं.
पर्यटक स्थल हुए गुलजार
गौर हो कि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद एक बार फिर शहर का पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटने लगा है. देश और प्रदेश में कम हो रहे कोरोना संक्रमण के मामले के बाद अब पर्यटक सरोवर नगरी नैनीताल समेत विभिन्न पर्यटक स्थलों का रुख करने लगे हैं. जिससे एक बार फिर उत्तराखंड के सभी पर्यटक स्थल पर्यटकों से गुलजार होने लगे हैं और वीरान पड़ चुके पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की चहल कदमी देखने को मिल रही है.
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बढ़ी सैलानियों की आमद
बीते एक सप्ताह के भीतर केवल सरोवर नगरी नैनीताल में ही 30 हजार से अधिक पर्यटकों ने नैनीताल के चिड़ियाघर, केवगार्डन, नैनी झील, स्नोव्यू समेत दर्जनभर से अधिक पर्यटक स्थलों का दीदार किया. वहीं, पर्यटकों की आमद बढ़ने से अब उत्तराखंड के पर्यटन कारोबारियों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है, क्योंकि बीते डेढ़ साल से उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार कोरोना के चलते पूरी तरह से चौपट हो गया है.
जिस वजह से पर्यटन कारोबारी के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने लगा, एक बार फिर कोरोना के मामले में कमी आने से पर्यटक स्थलों का सन्नाटा टूटा है. जिससे पर्यटन कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है.
सैलानियों ने क्या कहा
नैनीताल पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि उन्हें नैनीताल आकार बेहद सुकून महसूस हो रहा है, क्योंकि इन दिनों मैदानी क्षेत्रों में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है और तापमान 40 डिग्री के पार है. वहीं, लॉकडाउन के चलते वह काफी समय से घरों में कैद थे और जैसे ही उनके राज्यों समेत उत्तराखंड में लॉकडाउन में ढील मिली वो अपने परिवार के साथ घूमने नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि यहां आकर वे नैनीताल के खुशनुमा मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं.