हल्द्वानी: शहर से 20 किलोमीटर दूर नंधौर सेंचुरी बटरफ्लाई गार्डन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. प्राकृतिक रूप से विकसित इस बटरफ्लाई जोन में ब्लू टाइगर, इंडियन मोरमन, जेबरा ब्लू, लाइम बटरफ्लाई जैसी करीब 20 से अधिक दुर्लभ प्रजातियां मौजूद हैं. साथ ही इस गार्डन में 80 से अधिक रंग-बिरंगी तितलियों की प्रजाति को वन महकमा संरक्षण करने का काम कर रहा है.
यहां बसता है तितलियों का रंग-बिरंगा संसार. चोरगलिया के वाइल्ड लाइफ बटरफ्लाई जोन इस समय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस जोन में 20 दुर्लभ प्रजातियों सहित 80 प्रकार की रंग-बिरंगी तितलियां चारों ओर मंडराती नजर आती हैं. जोन में आने वाले पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी तितलियों के इस संसार को देखकर रोमांचित हो उठते हैं.
आधा किलोमीटर क्षेत्र में फैले बटरफ्लाई जोन में वन विभाग ने इन तितलियों के लिए वर्ल्ड फ्लॉवर, कपूर, चंपा, बेल, कुंजी, गुलमोहर सहित दर्जनों सुगंधित और फूलदार पौधे की बागवानी की है. जो तितलियों के भोजन और उनके आवास के रूप में काम आते हैं. बटरफ्लाई जोन का परिणाम अब धीरे-धीरे वन विभाग के सामने आ रहा है. इस बटरफ्लाई जोन में 45 तितलियों की प्रजाति को वन विभाग अपनी फाइलों में दर्ज कर चुका है.
ये भी पढ़ें:हर धर्म में पूजनीय है कैलाश मानसरोवर, भगवान विष्णु और लक्ष्मी का 'क्षीरसागर' भी यहीं मौजूद
बटरफ्लाई जोन में तितलियों पर शोध करने वाले वैज्ञानिक भी पहुंच रहे हैं. नंधौर में बटरफ्लाई जोन की स्थापना का उद्देश्य यहां तितलियों से जुड़े शोध को बढ़ावा देगा. साथ ही वैज्ञानिक यहां तितलियों के जीवन चक्र, व्यवहार और वातावरण को बेहतर बनाने में उनकी भूमिका का अध्ययन कर रहे हैं.