हल्द्वानी:उत्तराखंड में विकास पुरुष के नाम से विख्यात और यूपी व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत पंडित नारायण दत्त तिवारी की आज जयंती और पुण्यतिथि दोनों हैं. इस मौके पर अलग-अलग शहरों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. पंडित एनडी तिवारी के जन्मदिन और पुण्यतिथि के मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जहां अस्पतालों में फल वितरण कार्यक्रम के अलावा जगह-जगह उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करने के कार्यक्रम रखे गए हैं, वहीं लालकुआं में उनकी भव्य मूर्ति की स्थापना की जानी है. एनडी तिवारी का निधन 18 अक्टूबर 2018 में उनके 93 वें जन्मदिन के मौके पर हुआ था.
नैनीताल में जन्मे थे एनडी तिवारी: नारायण दत्त तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को ग्राम बल्यूटी, पदमपुरी, नैनीताल में हुआ था. उनका बचपन नैनीताल में ही बीता. उनकी प्राम्भिक शिक्षा की शुरुआत नैनीताल से हुई और फिर उन्होंने बरेली में आगे की शिक्षा हासिल की. उनके पिता पूर्णानंद तिवारी वन विभाग में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. उनके पिता गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित थे. इसके चलते उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और महात्मा गांधी के साथ असहयोग आन्दोलन में जुड़ गए. अपनी शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत नारायण दत्त तिवारी अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए देश की आजादी के आंदोलन में उतर आये.
दो राज्यों के मुख्यमंत्री बनने वाले एकमात्र राजनेता रहे एनडी तिवारी: नारायण दत्त तिवारी एकमात्र राजनेता थे जिन्होंने दो राज्यों उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. इसके अलावा केंद्र में मंत्री रहते हुए कई अहम विकास कार्य किए जिनकी आज भी सराहना की जाती है.