हल्द्वानी: दीपों का त्योहार दीपावली हर साल की तरह इस बार भी कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जा रहा है. शनिवार को महालक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ भगवान गणेश के अलावा धन के देवता कुबेर की भी पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के अनुसार महालक्ष्मी की पूजा 8 स्वरूपों में की जाती है. इस बार दीपावली पर सांयकाल प्रदोष काल के साथ महालक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व बन रहा है. सांय 5:15 से लेकर रात 9:00 बजे तक महालक्ष्मी की पूजा की विशेष योग बन रहा है.
महालक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम सवा 5 बजे से 9 बजे तक, ऐसे करें पूजन - Haldwani Deepavali News
दीपावली पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस दीपावली में इस विधि से पूजा करने पर आपकी हर मुराद पूरी होगी.
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इस दिन महालक्ष्मी की 8 रूपों में पूजा की जाती हैं जिससे विशेष फल की प्राप्ति होती है. महालक्ष्मी की पूजा से समस्त दुख-दरिद्रता दूर होते हैं. महालक्ष्मी की पूजा पौराणिक मंत्रों के अनुसार करने से विशेष फलदायी माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा पाठ के लिए विशेष रूप से कुमकुम, चावल, अक्षत, रोली, सुपारी, पान, लोंग, नारियल, इलायची, मिट्टी का दिया, दूध-दही, पंचमेवा सहित अन्य तरह की सामग्री होनी आवश्यक है. लक्ष्मी जी की पूजा से पहले मां सरस्वती और गणेश की प्रतिमा भी स्थापित करनी चाहिए. महालक्ष्मी पूजा के दौरान कलश स्थापना का विशेष महत्व है. कलश स्थापना के दौरान विधि से मंत्र उच्चारण के साथ स्थापना कर महालक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए.