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पंचायत चुनाव: नैनीताल में हुआ 63.85 प्रतिशत मतदान, मतपेटियों में बंद प्रत्याशियों का भाग्य - गांव की सरकार

नैनीताल के बेतालघाट और ओखल कांडा क्षेत्र पंचायतों में भी वोटिंग हुई. पंगूट गांव के लोगो ने बताया कि आज भी उनके गांव में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और मोबाइल जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जिस वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

तीसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है.

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Published : Oct 16, 2019, 8:04 PM IST

नैनीताल:उत्तराखंड के पंचायत चुनाव में बुधवार को तीसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है. सुबह से ही मतदाताओं में तीन विकासखंडों में मतदान को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया. शाम चार बजे से तक आये रूझान के मुताबकि, यहां मतप्रतिशत 63.85 फीसदी रहा.

तीसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है.

वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि आज भी गांव बदहाल स्थिति की ओर बढ़ते जा रहे हैं. गांवों में अभी भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए शहरों की तरफ रुख करना पड़ता है.

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मतदाताओं का कहना है कि वो इस बार ऐसे प्रत्याशी को अपना वोट दे रहे हैं जो ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कर सके. वहीं, दूरस्थ गांव पंगूट के लोगों ने बताया कि आज भी उनके गांव में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और मोबाइल नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जिस वजह से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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गांव में रहने वाले हैं युवा सिद्धार्थ बताते हैं कि उनका गांव प्राकृतिक संपदा से लबरेज है और उनके गांव में काफी सुंदरता है, लेकिन इसके बावजूद भी उनका गांव सरकारों की अपेक्षाओं का शिकार है. गांव में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं लेकिन सरकार की उदासीनता की वजह से गांव से पर्यटन का कारोबार सिमटने लगा है.

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उन्होंने बताया कि एक समय था जब गांव में हजारों की संख्या में पर्यटक करते थे, लेकिन अब मोबाइल नेटवर्क, पानी की समस्या और सड़क सुविधा ठीक नहीं होने से पर्यटक वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिस वजह से ग्रामीणों को पलायन करना पड़ रहा है.

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