हल्द्वानीः प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. कई जगहों पर अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं तो कई जगहों पर दवाइयां नहीं हैं, लेकिन प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के बड़े-बड़े दावे तो कर रही है, लेकिन नैनीताल जनपद में अगर किसी को हृदय की बीमारी हो जाए तो उसको किसी भी सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पाएगा. ऐसे में मजबूरन मरीजों को निजी अस्पतालों में जाकर महंगा इलाज कराना पड़ रहा है.
वहीं, ठंड के साथ-साथ हार्ट की बीमारी के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. नैनीताल जनपद में किसी भी सरकारी अस्पताल में कोई हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं होने के चलते मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. हृदय रोग मरीजों के इलाज के लिए 8 साल पहले हल्द्वानी में करोड़ों की लागत से हृदय रोग अस्पताल की स्थापना की गई, लेकिन 8 साल बाद भी हृदय रोग अस्पताल को कोई डॉक्टर नहीं मिल पाया.
हृदय रोग अस्पताल में करोड़ों की लागत से स्थापित की गई मशीन धूल फांक रही है. वहीं, हार्ट केयर सेंटर में शुरुआती दौर में डॉ. विमल पंत की तैनाती की गई, जिससे कि मरीजों को इलाज मिल सके लेकिन कुछ दिन बाद डॉ. विमल पंत की हृदय गति रुकने से मौत हो गई, जिसके बाद से अब तक हृदय रोग अस्पताल को कोई डॉक्टर नहीं मिल पाया है.