कालाढूंगीः बीचाबंगर गांव में इनदिनों बाघ ने आतंक मचाया हुआ है. ऐसे में ग्रामीण घरों से बाहर निकलने में भी कतरा है. वहीं, इस इलाके में बाघ अबतक कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है. ऐसे में शाम ढलते ही ग्रामीण अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं.
बाघ के आतंक से उड़ी ग्रामीणों की नींद बता दें कि तराई पश्चिमी वन विभाग की बन्नाखेड़ा रेंज अंतर्गत बीचाबंगर गांव में कई दिनों से गुलदार का आतंक बना हुआ है. ऐसे में लगातार बाघ मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है. वहीं, बीती रात को भी बाघ ने एक मवेशी को अपना शिकार बना लिया. जिसे लेकर ग्रामीणों में भी दहशत है.
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वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के आतंक से निजात दिलाने के लिए वह कई बार वन विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन बावजूद इसके आजतक कोई भी वन कर्मचारी गांव में नहीं पहुंचा. ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों में खासा अक्रोश व्याप्त है. उधर, इस मामले में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के वनाधिकारी हिमांशु बांगरी ने बताया कि विभाग की ओर से नियमित रूप से गश्त लगाई जाती है. वहीं, जिस काश्तकार की गाय को बाघ ने निवाला बनाया है. उसे विभाग द्वारा उचित मुआवजा दिया जाएगा.