थर्टी फर्स्ट तक तराई वन्य क्षेत्र में प्रवेश बंद हल्द्वानी: तराई के कई क्षेत्रों में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक है. बाघ, गुलदार और हाथी जंगलों से निकाल आबादी की ओर पहुंच रहे हैं. ऐसे में वन विभाग ने 31st के मौके पर एडवाइजरी जारी की है. तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि कई बार देखा जाता है कि थर्टी फर्स्ट (31st) के मौके पर लोग एंजॉय के लिए पार्टी करने जंगलों की ओर जाते हैं.
थर्टी फर्स्ट तक वनों में प्रवेश निषेध थर्टी फर्स्ट के लिए एडवाइजरी: ऐसे में लोगों को एडवाइजरी जारी की गई है कि जंगलों में वन्यजीवों की संख्या बढ़ी हुई है. जंगलों में प्रवेश करना खतरनाक हो सकता है. कई बार देखा जाता है कि इंसान एंजॉय करने के लिए जंगलों की ओर जाता है जो उसके लिए घातक हो सकता है. उन्होंने कहा कि आम आदमी का जंगल में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. इसके बावजूद कई बार देखा जाता है कि लोग जंगलों में बिना अनुमति के प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे में 31st को लेकर विशेष अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में वाइल्ड लाइफ की संख्या अधिक है, उन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं.
वन विभाग ने एडवाइजरी जारी की वन्य क्षेत्रों में प्रवेश पर प्रतिबंध: इसके अलावा कुछ संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे और कैमरा ट्रैप के माध्यम से लोगों के आने जाने के मूवमेंट को ट्रैप किया जाएगा. उन्होंने सभी वन विभाग के कर्मचारियों को आदेश किया है कि 28 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक जंगलों में प्रवेश करने वाले लोगों को पर निगरानी रखी जाए. इसके अलावा बाघ गुलदार और हाथी वाले क्षेत्रों में विशेष पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा लोगों के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है, जिससे मानव वन जीव संघर्ष की घटना के दौरान लोग इसकी सूचना दे सकें.
वन्य क्षेत्रों में जाने पर होगी कानूनी कार्रवाई: उन्होंने लोगों से कहा कि वनों में जंगली जानवरों की संख्या बढ़ी हुई है. ऐसे में बिना अनुमति के जंगल में कोई भी व्यक्ति प्रवेश न करे. जो भी व्यक्ति बिना अनुमति के जंगल में प्रवेश करता है, उसके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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